पंजाबराज्य

पंजाब में किसानों को 20 दिन पहले ही मुआवज़ा बाँटने का काम शुरू: मुख्यमंत्री

अबोहर : भारी बारिश के कारण नुकसान बर्दाश्त करने वाले किसानों को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यहाँ मुआवज़ा बाँटने की प्रक्रिया शुरू की। पहले दिन 40 करोड़ रुपए की मुआवज़ा राशि सभी प्रभावित किसानों को दी गई।

जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहाकि उन्होंने फाजि़ल्का जि़ले के 362 गाँवों को मुआवज़े के तौर पर कुल 12.94 करोड़ रुपए में से 6 करोड़ रुपए ख़ुद बाँटे हैं। आज के दिन को ख़ुशी वाला दिन नहीं कहा जा सकता। क्योंकि मैं प्रकृति के कहर के कारण किसानों के हुए नुकसान की भरपायी के लिए यहाँ आया हूँ। लगातार बारिश हाने के बाद उन्होंने ज़मीनी स्तर पर हालात का जायज़ा लिया था। खऱाब मौसम के कारण किसानों को हुए भारी नुकसान को देखकर उनका मन दुखी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार की गिरदावरी में पिछली सरकार के मुकाबले निर्णायक परिवर्तन हुआ है। क्योंकि पहले केवल खोखले दावे ही होते थे और लोगों को कोई मुआवज़ा नहीं दिया जाता था। इस बार गिरदावरी को सुचारू ढंग से करवाने के लिए पूरी तरह से पारदर्शी विधि अपनाई गई है। उन्होंने वायदा किया था कि बैसाखी से पहले मुआवज़े की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों को फसलों के हुए नुकसान की मुआवज़ा राशि में 25 प्रतिशत वृद्धि की है। यदि नुकसान 75 प्रतिशत से अधिक होता है तो राज्य सरकार किसानों को 15,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवज़ा देगी। इसी तरह यदि नुकसान 33 से 75 प्रतिशत तक होता है तो किसानों को 6800 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवज़ा दिया जाएगा। कृषि मज़दूरों को भी नुकसान का उपयुक्त मुआवज़ा दिया जाएगा। घरों के थोड़े-बहुत नुकसान का भी मुआवज़ा दिया जा रहा है।

राज्य के इतिहास में पहली बार फसलों के हुए नुकसान का 20 दिनों के अंदर मुआवज़ा बाँटने की मुहिम शुरू की गई है। अब आपकी सरकार में फ़सल अभी खेतों में है, परन्तु पैसा खातों में डाल दिया गया है।

राज्य सरकार के विरुद्ध बेबुनियाद बयान देने के लिए अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का हरेक फ़ैसला आम आदमी के भले के लिए होता है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति ख़ुद दोपहर 12 बजे जागता है, वह कभी भी दफ़्तरों का समय सुबह 7.30 से दोपहर 2 बजे तक बदलने के लाभ की उम्मीद नहीं लगा सकता। इन नेताओं की लोक विरोधी मानसिकता के कारण लोगों ने इन्हें बुरी तरह से नकार दिया है।

Related Articles

Back to top button