ज्ञान भंडार

गलत एवं अधिक मात्रा में रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से मृदा पर होता है हानिकारक प्रभाव

लखनऊ: सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में आज दिनांक दिसम्बर 05, 2019 को जिज्ञासा कार्यक्रम के अंतर्गत ‘विश्व मृदा दिवस’ का आयोजन किया गया | इस कार्यक्रम में केद्रीय विद्यालय, गोमती नगर, लखनऊ के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों ने संस्थान का भ्रमण किया । इस अवसर पर वैज्ञानिकों के साथ संवाद के अतिरिक्त बच्चों को संस्थान की सूक्ष्म जीवी एवं मृदा प्रयोगशालाओं में स्वयं विभिन्न परीक्षणों को करने का अवसर प्रदान किया गया। समारोह में संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक डॉ पी ए शिर्के ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों के साथ इस वर्ष के विश्व मृदा दिवस की थीम ‘मृदा क्षय रोकें, भविष्य बचाएं’ पर चर्चा की। उन्होंने बच्चों को मृदा क्षय के कारण बताते हुए अत्यधिक खेती और वनों की अनियंत्रित कटाई पर चिंता व्यक्त की।

सीएसआईआर–एनबीआरआई ने छात्र-छात्राओं संग मनाया विश्व मृदा दिवस

उन्होंने कहा कि किसान एक वर्ष में दो या अधिक फसल प्राप्त करने के प्रयास में लगातार फसलें बोते हैं जिससे मिट्टी को आराम करने और सही होने का समय नहीं मिल पाता है। इस वजह से मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा पर बुरा असर पडता है। इतना ही नहीं, किसानों द्वारा जानकारी न होने के कारण गलत एवं अधिक मात्रा में रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से भी मृदा पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।  संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक डा एस के तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि मृदा में मौजूद पोषक तत्वों एवं जीवाणुओं के परस्पर संबंधों के चलते मृदा एक जटिल तंत्र है जिसका प्रबंधन एक कठिन कार्य है। इस जटिलता की जानकारी के अभाव में अक्सर लोग मृदा प्रबंधन में गलत एवं अवांछित निर्णय ले लेते हैं जिससे मिट्टी को नुकसान पहुँचता है।

इस अवसर पर संस्थान के वैज्ञानिकों डॉ लाल बहादुर एवं डॉ शुचि श्रीवास्तव द्वारा मृदा पोषकता पर व्याख्यान प्रस्तुत किये गए। डॉ लाल बहादुर ने मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों की जानकारी देते हुए पौधों में इनकी कमी के लक्षणों की पहचान के बारे में बताया। डॉ.  शुचि श्रीवास्तव ने पौधों एवं मृदा सूक्ष्म जीवों के संबंधों पर चर्चा करते हुए मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा बनाए रखने में इन जीवों के महत्व के बारे में बताया। कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ विवेक श्रीवास्तव, नोडल वैज्ञानिक, जिज्ञासा ने विश्व मृदा दिवस के बारे में छात्रों को जानकारी दी |

संस्थान के निदेशक प्रो एस के बारिक ने बच्चों से संवाद करते हुए उनके अनुभवों एवं भविष्य के लक्ष्यों के बारे में चर्चा की एवं विद्यार्थियों से विज्ञान को कैरियर के रूप में चुनने का आह्वान किया| उन्होंने इस अवसर पर विषय आधारित प्रश्नोत्तरी के  विजेताओं को पुरुस्कृत भी किया । इस अवसर पर जिज्ञासा कार्यक्रम के नोडल वैज्ञानिक डॉ विवेक श्रीवास्तव, डॉ. के के रावत, डॉ. विनय साहू आदि उपस्थित थे ।

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