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चीन से तल्खी के बीच मजबूत होगी भारतीय सेना, 84 हजार करोड़ के प्रस्ताव मंजूर

नई दिल्ली: वीर भारतीय सेना की ताकत और बढ़ने वाली है। रक्षा मंत्रालय ने 84 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीद को मंजूरी दे दी है। इनमें सैनिकों की सुरक्षा और निगरानी समेत कई उपकरण शामिल हैं। यह मंजूरी ऐसे समय पर आई है, जब सीमा पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच तल्खी फिर बढ़ गई है। हाल ही में अरुणाचल के तवांग में दोनों सेनाओं के बीच झड़प हुई थी।

गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल यानी DAC की बैठक हुई। इस दौरान 24 प्रस्तावों को एक्सेप्टेंस ऑफ नैसेसिटी (AON) या मंजूरी दे दी है। इन प्रस्तावों में 6 भारतीय सेना, 6 वायुसेना, 10 नौसेना और दो तटरक्षकों के शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत 84 हजार 328 करोड़ रुपये है। खास बात है कि 82 हजार 127 करोड़ रुपये के 21 प्रस्ताव स्वदेशी खरीदी के लिए मंजूर हुए हैं।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ‘डीएसी की यह अद्वितीय पहल न केवल सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण करेगी, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रक्षा उद्योग को भी पर्याप्त बढ़ावा देगी।’ इन एओएन के जरिए भारतीय थल सेना को फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल, हल्के टैंक और माउंटेड गन प्रणाली मिलेगी। स्वीकृत प्रस्तावों में सैनिकों के लिए बेहतर सुरक्षा स्तर वाले बैलिस्टिक हेलमेट की खरीद भी शामिल है।

इसके तहत नौसेना को नेवल एंटी शिप मिसाइल्स, मल्टी पर्पज वैसल्स समेत कई चीजें शामिल हैं। मंत्रालय के अनुसार, ‘भारतीय वायुसेना में मिसाइल प्रणाली की नई रेंज, लंबी दूरी के निर्देशित बम, पारंपरिक बमों के लिए रेंज संवर्द्धन किट और उन्नत निगरानी प्रणाली को शामिल’ किया जाएगा। तट रक्षक को गश्ती जहाज मिलेंगे।

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