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97 प्रतिशत प्रसव हो रहे संस्थागत : एन.एफ.एच.एस.-5 रिपोर्ट

दुर्ग: नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एन.एफ.एच.एस.-5) के अनुसार जिले में 96.7 प्रतिशत प्रसव संस्थागत हो रहे हैं जो मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में एक महत्वपूर्ण कारक है। इनमें से 72 प्रतिशत प्रसव सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों एवं शेष निजी अस्पतालों में हो रहे हैं जबकि एन.एफ.एच.एस.-4 के आंकड़ों में 71त्न प्रसव ही संस्थागत हो रहे थे। पिछले आंकड़ों से तुलना में इस बार 26त्न अधिकसंस्थागत प्रसव हो रहे हैं। अनमेट नीड की दर हुई कमहृस्न॥स्-5 सर्वे से यह भी पता चलताहै कि गर्भनिरोधक साधनों की कमी की दर में भी कमी आई है।

यह 9त्न से घटकर लगभग 5त्नपर आ गयी है यानि इसमें 4त्न की कमी दर्ज हुयी है।यह दर ऐसे योग्य दम्पत्तियों की दर को दशार्ती है जिनको गर्भनिरोधकसाधनों की जरूरत है और वह उनको अपनाना भी चाहते हैं किन्तु उनकी पहुँच गर्भनिरोधकसाधनों तक नहीं है।गर्भनिरोधक साधनों कीउपलब्धता अनचाहे गर्भ से बचाता है और परिवार को सीमित करने में मदद करता है7 आधुनिक गर्भनिरोधक साधनोंके उपयोग में भी हुयी बढ़ोत्तरी एन.एफ.एच.एस.-5 के आंकड़ों में योग्य दम्पत्तियों द्वारा आधुनिक गर्भनिरोधक साधनों के उपयोग की दर में भी वृद्धि हुई है।यह दर एनएफएचएस-4 में 62त्न थी, जो इस बारके आंकड़ों में और बढ़कर 76त्न हो गई है।आधुनिक गर्भनिरोधक साधनों में महिला नसबंदी, पुरुष नसबंदी, आइयूसीडी (कापर-टी),गर्भनिरोधक इंजेक्शन, गर्भनिरोधक गोलियां एवं कंडोम आदि को सम्मिलित किया जाता है।

महिलाओंकी साक्षरता दर में आया सुधार जिलेमें महिलाओं की साक्षरता दर में भी सुधार देखने को मिल रहा है जहाँ पहले 75प्रतिशत महिलाएं ही साक्षर थीं वहीँ इस बार के आंकड़ों में 80 प्रतिशत महिलाएंसाक्षरता की श्रेणी में आयीं हैं। महिलाओं का साक्षर होना न केवल उनको सशक्त बनाताहै बल्कि समाज के लिए भी जरूरी होता है क्योंकि एक साक्षर महिला पूरे परिवार कोसाक्षर बनाती है7 लड़कियों की 18 वर्ष सेपहले शादी की दर में आई कमीमहिलाओंकी साक्षरता का असर यह हुआ है कि अब लड़कियों की शादी देर से यानि सही उम्र में उनकीशादी हो रही है। लड़कियों की 18 वर्ष से कमउम्र में शादी के मामले में भी जिले ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

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