IWF ने कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट वेटलिफ्टर संजीता चानू हटा प्रतिबंध
राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता भारतीय भारोत्तोलक संजीता चानू को बड़ी राहत मिली है. अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने संजीता पर लगा प्रतिबंध बुधवार को हटा दिया. अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ ने भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएलएफ) और संजीता को यह जानकारी दी.
आईडब्ल्यूएफ की वकील ईवा न्यिरफा ने एक पत्र में कहा, ‘प्राप्त सूचना के आधार पर इसका निपटारा करते हुए आईडब्ल्यूएफ ने एथलीट (संजीता चानू) के अस्थायी निलंबन को हटाने का निर्णय लिया है.’
गौरतलब है कि संजीता ने गोल्ड कोस्ट 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं के 53 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था. वह ‘एनाबॉलिक स्टेरॉयड टेस्टोस्टेरोन’ परीक्षण में सकारात्मक पाई गई थीं. इसके बाद पिछले साल मई में उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था.
आईडब्ल्यूएफ की वकील ने संजीता और भारतीय भारोत्तोलन महासंघ को भेजे ईमेल में कहा ,‘हम तक मिली जानकारी के आधार पर आईडब्ल्यूएफ ने फैसला किया है कि के संजीता पर लगाया गया अस्थायी निलंबन 22 जनवरी 2019 को हटा लिया जाए.’ इसमें कहा गया, ‘आईडब्ल्यूएफ सुनवाई पैनल आने वाले समय में इस पर फैसला लेगी.’
संजीता को स्टेरायड टेस्टोस्टेरोन के सेवन का दोषी पाया गया था. उनके मूत्र का नमूना अमेरिका में नवंबर 2017 में हुई विश्व चैम्पियनशिप से पहले लिया गया था. उन पर 15 मई को अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया था.
आईडब्ल्यूएफ की पैनल इस पर अंतिम फैसला लेगी, लेकिन संजीता ने कहा कि उसकी बेगुनाही साबित हो गई है. उसने प्रेस ट्रस्ट से कहा ,‘मुझे अंतरराष्ट्रीय महासंघ का ईमेल मिला है और हमारे राष्ट्रीय महासंघ ने भी सुबह फोन पर इसकी जानकारी दी. मैं राहत महसूस कर रही हूं. मैं बेकसूर हूं और मैने कभी अपने करियर में कोई प्रतिबंधित पदार्थ नहीं लिया.’
उन्होंने कहा ,‘मैंने अंतरराष्ट्रीय महासंघ की गलती की वजह से पिछले आठ नौ महीने में काफी मानसिक पीड़ा झेली है. कभी किसी खिलाड़ी के साथ ऐसा नहीं हो क्योंकि खिलाड़ी की साख बहुत कीमती होती है.’ संजीता ने कहा कि भारतीय भारोत्तोलन महासंघ ने उसे राष्ट्रीय शिविर में शामिल होने को कहा है.
उन्होंने कहा ‘महासंघ के अधिकारी ने मुझसे कहा है कि यदि में राष्ट्रीय शिविर में आना चाहती हूं तो लिखूं. मैं वही करूंगी. मै एशियाई खेल और विश्व चैम्पियनशिप में भाग नहीं ले सकी. मैं इस साल विश्व चैम्पियनशिप खेलकर ओलंपिक 2020 के लिए क्वालीफाई करना चाहती हूं .’
दरअसल, आईडब्ल्यूएफ ने जुलाई में संजीता चानू के विफल डोप परीक्षण में अलग नमूना संख्या देने की बात स्वीकार की थी, जिसके बाद राष्ट्रमंडल खेलों की इस स्वर्ण पदक विजेता ने जांच की मांग की थी.
आईडब्ल्यूएफ ने पिछले साल डोप परीक्षण में विफल रहने की जानकारी देने वाले संवाद में मूत्र के नमूनों को दो अलग-अलग नंबर देने की बात स्वीकार की थी. आईडब्ल्यूएफ ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) को भेजे पत्र में यह बात स्वीकार की थी.