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कादर खान प्रतिभा के धनी और फिल्मों के लिए समर्पित कलाकार थे : अमिताभ बच्चन

मुंबई ।फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन ने बॉलीवुड एक्टर कादर खान को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘”कादर खान प्रतिभा के धनी और फिल्मों के लिए समर्पित कलाकार थे। वे गजब के लेखक थे। मेरी ज्यादातर कामयाब फिल्में उन्हीं ने लिखीं। वे मेरे अजीज दोस्त रहे। वे गणितज्ञ भी थे।”” अमिताभ और कादर ने ‘दो और दो पांच’, ‘अदालत’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘मिस्टर नटवरलाल’, ‘सुहाग’, ‘कुली’, ‘कालिया’, ‘शहंशाह’ और ‘हम’ समेत 21 फिल्मों में साथ बतौर अभिनेता या डायलॉग-स्क्रिप्ट राइटर काम किया था। शक्ति कपूर का गला भर आया वो बहुत भावुक हो गए।शक्ति कपूर ने कहा कि अब कादर खान जैसा कोई नहीं होगा। शक्ति कपूर ने बताया कि जब मैंने उनसे आखिरी बार मुलाकात की थी, तो उन्होंने कहा कि वो वापसी करेंगे।

वो दुनिया को समझाना चाहते थे कि इंसानियत क्या होती है? एक्टर प्रेम चोपड़ा ने कहा कि उनके निधन की खबर बहुत ही खौफनाक है। मंगलवार को मैंने पढ़ा कि उनके निधन की खबर अफवाह थी और अब कंफर्म हो गया है। वो बहुत बड़ी हस्ती थी। वो बड़े राइटर थे। बेहद दुखद है। बॉलीवुड एक्टर कादर खान का 81 साल की उम्र में निधन हो गया है। बीते 5-6 दिनों से कादर खान अस्पताल में भर्ती थे। कादर के निधन की पुष्टी उनके बेटे सरफराज ने की है। उन्होंने कनाडा के अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके परिवार में उनकी पत्नी हजरा, बेटा सरफराज, बहू और पोते-पोती हैं। एक करीबी रिश्तेदार अमहद खान ने बताया कि तड़के करीब 4 बजे (भारतीय समय के अनुसार) उनका देहांत हो गया। उनकी अंत्येष्टि आज ही टोरंटो के कब्रिस्तान में की जाएगी। इस खबर के बाद बाॅलीवुड इंडस्ट्री से लेकर हर कोई गम में हैं। इसके साथ ही ट्विटर पर ट्विट करते हुए उनकी आत्मा को शांति देने की प्रार्थना भी की। इस खबर के बाद फैंस उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने लगे।जहां एक तरफ पूरा बॉलीवुड नए साल साल का जश्न मना रहा था वहीं अब एक्टर की निधन की खबर से गमगीन हो गया है। कादर खान का जन्म 22 अक्टूबर, 1937 को काबुल में हुआ। स्क्रिप्ट राइटिंग शुरू करने से पहले वे मुंबई के एमएच साबू सिद्दीक इंजीनियरिंग कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग के लेक्चरर थे। उन्होंने 1973 में ‘दाग’ फिल्म से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। इस फिल्म में कादर ने वकील का किरदार निभाया था। कहा जाता है कि कादर के कॉलेज ड्रामा में किए गए काम से दिलीप कुमार इतने इंप्रेस हुए थे कि उन्होंने कादर को दो फिल्मों ”सगीना” और ”बैराग” के लिए साइन कर लिया था।

कादर खान ने करीब 300 फिल्मों में काम किया। इसके साथ ही करीब हिंदी और उर्दू में 250 फिल्मों के डायलॉग भी लिखे। यहां तक कि राजेश खन्ना और मुमताज की साल 1974 में आई फिल्म ”रोटी” के लिए कादर ने ही डायलॉग लिखे थे। इस काम के लिए कादर खान को 1 लाख 21 हजार रुपए दिए गए थे। फिल्मों के अलावा कादर ने टीवी इंडस्ट्री में भी अपना हाथ आजमाया। कादर एक कॉमेडी शो लेकर आए थे जिसका नाम ”हंसना मत” था। इस सीरियल में कादर के अलावा शगुफ्ता अली, अंजू महेन्द्रू और हिमानी शिवपुरी भी थीं। अमिताभ बच्चन की कई फिल्मों के अलावा कादर खान ने ”हिम्मतवाला”, ”कुली नंबर वन”, ”मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी”, ”खून भरी मांग”, ”कर्मा”, ”सरफरोश” और ”धर्मवीर” जैसी कई सुपरहिट फिल्में शामिल हैं।

कादर खान आखिरी बार साल 2015 में आई फिल्म ”दिमाग का दही” में नजर आए थे। साल 2013 में कादर को फिल्मों में योगदान के लिए साहित्य शिरोमनी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही कादर बेस्ट कॉमेडियन और बेस्ट सपोर्टिंग रोल का अवॉर्ड भी जीत चुके हैं। कहा जाता है कि एक वक्त ऐसा था कि कादर खान हीरोइनों से ज्यादा फेमस हो गए थे और दर्शक पोस्टर में उन्हें देखने के बाद ही फिल्म की टिकट खरीदते थे। कादर खान लंबे वक्त से सिनेमाजगत से दूर हैं और बेटे और बहू के साथ कनाडा में रहते हैं। करीब 45 साल तक उन्होंने बॉलीवुड में राज किया कादर खान इस दुनिया से तो चले गए। लेकिन अपनी फिल्मों के जरिए वह हमेशा दर्शकों के दिलों में रहेंगे।

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