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छोटी-छोटी आदतों को बनाएं जीवन का हिस्सा तभी होगा पर्यावरण संरक्षण : डॉ.कंबोज

विश्व पर्यावरण दिवस पर लखनऊ विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग में गोष्ठी

लखनऊ : विश्व पर्यावरण दिवस पर रविवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, इंडिया (नासी)- लखनऊ चैप्टर तथा राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के सहयोग से वनस्पति विज्ञान सभागार में गोष्ठी आयोजित हुई| गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए सीएसआईआर-सीडीआरआई के पूर्व चेयरमैन डा. वी.पी.कंबोज ने कहा कि जलवायु में जो परिवर्तन हो रहे हैं उसमें हम सभी की सहभागिता है। हम सभी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए ऐसी छोटी-छोटी आदतों को जीवन का हिस्सा बनायेँ जिससे हम पर्यावरण का संरक्षण कर सकें। विकास के नाम पर हम पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहे हैं| समाज के हर वर्ग और हर व्यक्ति को इस पर बात करनी चाहिए तथा स्वयं में और अपने आस-पास के लोगों में ऐसी आदतें विकसित करते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए जो पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करें|

गोष्ठी के विशिष्ट अतिथि उत्तर-पश्चिमी हिल विश्वविद्यालय (नेहु) शिलॉन्ग के पूर्व कुलपति, बायोटेक पार्क के सीईओ एवं नासी लखनऊ चैप्टर के अध्यक्ष पद्मश्री प्रोफेसर प्रमोद टंडन ने कहा कि इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम है– ओनली वन अर्थ अर्थात पृथ्वी एकमात्र ग्रह है जहां जीवन है। हम भाग्यशाली हैं कि हम इस ग्रह पर हैं । इसे बचाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है| जलवायु परिवर्तन जिसमें तापमान में वृद्धि हो रही है, अनेक वनस्पतियां और जंतु और उनकी प्रजातियां समाप्त हो रहीं हैं, हिमालय क्षेत्र के ग्लेशियर पिघल रहे हैं, पानी का स्तर नीचे जा रहा है। इन सभी का मुख्य कारण अंधाधुंध विकास है| इसकारण ग्रीन हाउस गैस वातावरण में मुक्त होते हैं, जो जलवायु परिवर्तन के लिए उत्तरदायी हैं| राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक कदम उठाये गये हैं व घोषणाएं हुईं हैं लेकिन इसमें समाज के हर वर्ग और हर व्यक्ति को जिम्मेदारी समझने की जरूरत है|

हमें प्लास्टिक व उससे बने उत्पादों का उपयोग कम से कम करना चाहिए, हम कोशिश करें कि कम दूरी के लिए साइकिल का ज्यादा उपयोग करें, स्कूल कार्यालय के लिए कार पूल करें, व्यक्तिगत की जगह सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करें, बिजली व्यर्थ न करें, सोलर पैनल का उपयोग करें, दोबारा उपयोग में लाई जा सकनेवाली वस्तुओं का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने की कोशिश करें| पानी बचाएं, ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं तथा ईको फ़्रेंडली उत्पादों का उपयोग करें| यह हमारे आपके सहयोग से ही संभव है| इस मौके पर वनस्पति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डा. नलिनी पांडे, डा.आर.डी. श्रीवास्तव, डा. तुषार, डा. लावान्या, डा. गौरी सक्सेना, डा. शालिनी श्रीवास्तव एवं डा. वीणा टंडन, लखनऊ मण्डल स्वास्थ्य विभाग से डा. मानवेंद्र त्रिपाठी, जी.एस.सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी डा.रितु श्रीवास्तव, अन्य शिक्षक, शोधार्थी व विभाग का पूरा स्टाफ उपस्थित रहा|

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