अन्तर्राष्ट्रीय

ब्रिटेन में ईशनिंदा विरोधी प्रदर्शनों को बढ़ावा दे रहे पाकिस्तानी चरमपंथी समूहः रिपोर्ट

लंदनः ब्रिटेन में हाल के वर्षों में ईशनिंदा से जुड़ी घटनाओं में वृद्धि हुई है जिनमें चरम सांप्रदायिकता, धमकी और हिंसा शामिल है। ब्रिटेन सरकार के चरमपंथ रोधी आयोग ने सोमवार को एक स्वतंत्र रिपोर्ट जारी की। आयोग ने ‘अंडरस्टैंडिंग एंड रेस्पॉन्डिंग टू ब्लास्फेमी एक्ट्रीरिमिज्म इन यूके’शीर्षक के साथ रिपोर्ट साझा की जिसमें पाकिस्तान के ईशनिंदा विरोधी राजनीतिक दल तहरीक-ए-लब्बैक (TLP) की ब्रिटिश शाखा के उभरने का भी जिक्र किया गया है। ब्रिटेन सरकार की एक नई आतंकवाद रोधी रिपोर्ट के अनुसार देश में ईशनिंदा की कथित घटनाओं पर लोगों के प्रदर्शन पहले से कहीं अधिक संगठित हैं। इसमें कहा गया है कि इनमें से कुछ लोगों के तार पाकिस्तान के हिंसक ईशनिंदा विरोधी चरमपंथियों से जुड़े हैं।

यही वजह है कि प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने हाल ही में चेतावनी दी थी। सुनक ने कहा था कि इस्लामिक चरमपंथी देश में जहर घोल रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन में खास बेअदबी विरोधी समूह काम कर रहा, जिसके संबंध पाकिस्तानी चरमपंथियों से हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन में ईशनिंदा से जुड़ी घटनाओं में हाल के वर्षों में वृद्धि हुई है। इनमें चरम सांप्रदायिकता, धमकी और हिंसा शामिल है। इसमें आगे कहा गया, प्रत्येक घटना पर ईशनिंदा विरोधी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किए हैं। जिनमें से कुछ का संबंध पाकिस्तान में ईशनिंदा विरोधी हिंसक चरमपंथियों से है। रिपोर्ट में उन तीन क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया है, जहां सबसे ज्यादा ईशनिंदा विरोधी प्रदर्शन होते हैं। इनमें ज्यादातर उत्तरी इंग्लैंड में होते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया, 2021 में बाटली के एक स्कूल में शिक्षक ने कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद की तस्वीर छात्रों को दिखाई, जिसके बाद शिक्ष के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ। इसी तरह 2022 में लेडी ऑफ हेवन फिल्म की स्क्रीनिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। वेकफील्ड में कुरान की एक प्रति का कथित तौर पर अनादर करने करने स्कूली छात्रों के खिलाफ प्रदर्शन हुए। ‘इन तीन घटनाओं से जुड़े कई कार्यकर्ताओं में से किसी ने भी ब्रिटेन में हिंसक प्रदर्शन का आह्वान नहीं किया और ब्रिटिश मुसलमानों से शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से अपना आक्रोश जाहिर करने का आग्रह किया। लेकिन उनमें से कुछ ने पाकिस्तान में हिंसक चरमपंथी ईशनिंदा विरोधी कट्टरपंथियों के लिए समर्थन जताया है, जो ईशनिंदा के मुद्दे पर लोगों को चरमपंथी बनाने की क्षमता रखता है।

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