मध्य प्रदेशराज्य

प्रदेश में आज से पंचायत सचिव-तहसीलदार हड़ताल पर

भोपाल : प्रदेश के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार आज सोमवार से तीन दिन के सामूहिक अवकाश पर हैं। इससे प्रदेश में कार्यपालिक दंडाधिकारी और राज्य शासन की प्राथमिकता वाले कामों पर असर पड़ना तय है। उधर महिला और बाल विकास विभाग के चार हजार परियोजना अधिकारियों और पर्यवेक्षकों के सामूहिक अवकाश के मामले में विभाग ने कलेक्टरों को आंदोलनरत अफसरों, कर्मचारियों के विरुद्ध ब्रेक इन सर्विस कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। इसके बाद कई जिलों में पर्यवेक्षकों और परियोजना अधिकारियों पर पुराने मामलों को आधार बनाकर कार्यवाही भी प्रस्तावित की गई है जिसका विरोध संयुक्त मोर्चा ने किया है।

अपनी मांगों को लेकर प्रदेश भर के ग्रामीण रोजगार सहायक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा चुके हैं, साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा भी अवकाश पर जाने की घोषणा की गई थी और अब आज से प्रदेशभर के तहसीलदार नायब तहसीलदार एवं पंचायत सचिव हड़ताल पर जा रहे हैं।

जी हां बता दे कि आज 20 मार्च से तहसीलदार और नायब तहसीलदार 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर है इस दौरान वे समस्त शासकीय ग्रुपों से लेफ्ट हो जाएंगे और अपने समस्त शासकीय वाहन जमा कर देंगे साथ ही तीन दिवस तक किसी भी प्रकार का सरकारी काम नहीं करेंगे। इसकी बड़ी वजह उनकी सरकार से नाराजगी है प्रमोशन लिस्ट नहीं आने से नाराज चल रहे हैं।

वही रोजगार सहायकों के बाद आज से समस्त पंचायत सचिव भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं, जिसके कारण सरकार की लाडली बहना योजना भी सफर करेगी अब एक ओर प्रदेश के मुखिया घोषणा पर घोषणा किए जा रहे हैं तो दूजी ओर उनके कर्मचारी ही उनके खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठे हैं, चुनावी वर्ष में अपने अधिकारों के लिए मांग जायज है अब देखना यह है कि मामा मांग को कहां तक पूरा करते हैं और कर्मचारियों के असंतोष को कैसे ठीक करते हैं।

महिला और बाल विकास विभाग ने सभी कलेक्टरों को दिए निर्देश में कहा है कि शासकीय कर्मचारियों द्वारा आयोजित हड़ताल, धरना तथा प्रदर्शन और सामूहिक अवकाश के मामले में अनुपस्थिति अनुशासनहीनता के दायरे में आती है। इसलिए इसको लेकर वर्ष 1991 और वर्ष 2006 में जारी किए गए निर्देशों के अनुरूप संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध एक्शन लिया जाए।

इसमें कहा गया है कि हड़ताल, आंदोलन की स्थिति में अनुपस्थिति अवधि का वेतन देय नहीं होगा और न ही अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। इस अवधि को ब्रेक इन सर्विस माना जाएगा। विभाग की इस चेतावनी के बाद भी परियोजना अधिकारियों और पर्यवेक्षकों ने अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश जारी रखने का फैसला लिया है।

उधर प्रदेश के पंचायत सचिवों ने भी अपनी मांगों को लेकर 14 दिन के सामूहिक अवकाश का ऐलान कर दिया है। मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के अनुसार आज सोमवार 20 मार्च से सभी 23 हजार पंचायतों में सामूहिक तालाबंदी सामूहिकअवकाश के जरिये की जाएगी।

संगठन की ओर से कहा गया है कि राजधानी के छोला दशहरा मैदान में पंचायत कर्मियों की सभा के लिए बनाए गए टेंट को प्रशासन ने उखाड़ा है। इससे पंचायत सचिवों में आक्रोश है। साथ ही प्रदेश की 40 चौकियों में हजारों पंचायत सचिवों को रोका गया है। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग पंचायत सचिवों का महीनों से वेतन नहीं दे पाया है।

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