प्रधानमंत्री ट्रूडो का दावा, कनाडा और उड़ानों, वायु मार्गों को जोड़ने के लिए भारत के साथ काम कर रहा
नई दिल्ली: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सिख समुदाय को भरोसा दिलाया है कि भारत के साथ एक “नये समझौते” पर बातचीत की गई है ताकि दोनों देशों के बीच और उड़ानों एवं वायु मार्गों को जोड़ा जा सके। ट्रूडो की यह टिप्पणी रविवार दोपहर यहां खालसा दिवस परेड को उनके संबोधित करने के दौरान आई। उन्होंने कहा कि कई कनाडावासियों के प्रियजन भारत में रहते हैं जिनसे वे अक्सर मिलना चाहते हैं।
ट्रूडो ने खालसा दिवस कार्यक्रम में कहा, “यही कारण है कि हमारी सरकार ने दोनों देशों के बीच और भी उड़ानें एवं वायु मार्ग जोड़ने के लिए भारत के साथ एक नये समझौते पर बातचीत की है और हम अमृतसर सहित अन्य स्थानों के लिए और भी उड़ानें शुरू करने के वास्ते अपने समकक्षों के साथ काम करना जारी रखेंगे।” कार्यक्रम में खालिस्तान के समर्थन में नारे भी लगे।
नवंबर 2022 में, भारत और कनाडा ने एक समझौते पर सहमति जताई थी जो निर्दिष्ट एयरलाइन कंपनियों को दोनों देशों के बीच असीमित संख्या में उड़ानें संचालित करने की अनुमति देता है। इस समझौते से पहले, कनाडा और भारत के बीच निर्दिष्ट एयरलाइनों द्वारा प्रति सप्ताह उड़ानों की संख्या अधिकतम 35 थी। अभी यह पता नहीं चल सका है कि क्या दोनों देशों ने 2022 में हस्ताक्षरित समझौते का और विस्तार किये जाने पर चर्चा की है। ट्रूडो ने पिछले साल एक सिख अलगाववादी की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाकर नयी दिल्ली को नाराज कर दिया था।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपने संबोधन में, कनाडा में सिखों के अधिकारों और स्वतंत्रता की हमेशा रक्षा करने तथा नफरत और भेदभाव के खिलाफ समुदाय की रक्षा करने का भी संकल्प लिया। वैसाखी को खालसा दिवस के रूप में भी जाना जाता है। यह सिख नव वर्ष का प्रतीक है। ट्रूडो ने अपने भाषण की शुरुआत “वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतह” कहकर की। उन्होंने कहा, “इस देश में सिख समुदाय के लगभग 8,00,000 कनाडाई लोगों के अधिकारों और आपकी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हमेशा मौजूद रहेंगे तथा हम हमेशा आपके समुदाय को नफरत और भेदभाव से बचाएंगे।”