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NRC को अपडेट करने के दौरान लॉक हुए ‘बायोमेट्रिक’ को अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरू

नईदिल्ली : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 2019 के लागू होने के साथ ही राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को अपडेट करने के दौरान लॉक किए गए 27 लाख व्यक्तियों ‘बायोमेट्रिक’ को अनलॉक किया जाएगा. राज्य में करीब 27 लाख लोगों के बायोमेट्रिक्स, NRC को अपडेट करने के दौरान लॉक किये गए थे और उन्हें आधार कार्ड नहीं मिल पा रहे थे.

27 लाख लोगों के बायोमेट्रिक्स डाटा को अनलॉक करने पर सरमा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मैं ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) और अन्य स्टेकहोल्डर के साथ इसके प्रोसेस पर चर्चा करूंगा और उम्मीद है कि चुनाव के तुरंत बाद कोई समाधान निकल आएगा.’

मुख्यमंत्री सरमा ने माना कि बायोमेट्रिक्स ब्लॉक करने की वजह से इन लोगों को कई परेशानियां हो रही थी. इस वजह से इन लोगों को राशन कार्ड नहीं मिल पा रहा था, इन्हें नौकरियां नहीं मिल पा रही थी. सरमा ने कहा कि इस मुद्दे को सरकार की प्रशासनिक मशीनरी में उठाया जाएगा और इसका समाधान निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान हम CAA के बारे में फैलाए गए संदेह को दूर करने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे थे. अब यह स्पष्ट है कि 2014 के बाद आए किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता नहीं दी जाएगी.

सरमा ने कहा कि वह 100 प्रतिशत आश्वस्त हैं कि CAA के माध्यम से एक भी व्यक्ति असम में नहीं आएगा और केवल उन लोगों को नागरिकता मिलेगी जिन्होंने NRC के लिए आवेदन किया था. मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि बायोमेट्रिक्स के ब्लॉक होने से राशन कार्ड और रोजगार प्राप्त करने में समस्याएं पैदा हुईं. उन्होंने कहा कि हम इस मसले का जल्द हल करेंगे. उन्होंने लोगों से CAA के मुद्दे पर भावनाओं से नहीं बल्कि ठोस तर्क के आधार पर सोचने-समझने को कहा .

सरमा ने कहा, ‘हमने NRC प्रक्रिया के जरिए पहले ही डेटा हासिल कर लिया है और जो लोग सूची में शामिल नहीं हैं, उन्हें CAA नहीं तो फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के जरिए नागरिकता मिल जाती.’ मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उन्हें उम्मीद है कि लगभग छह लाख लोगों, बराक और ब्रह्मपुत्र घाटियों से तीन-तीन लाख लोगों को नागरिकता मिलेगी. सीएम ने कहा कि 20 लाख लोगों को नागरिकता मिलने जैसी बातों को लेकर भ्रम फैलाई जा रही है.

CAA नियमों की अधिसूचना के साथ सरकार अब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देनी शुरू कर देगी. इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं. CAA दिसंबर 2019 में पारित किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी, लेकिन असम सहित देश के कई हिस्सों में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए, जहां हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी.

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