बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को वक्फ संशोधन बिल पर सवाल उठाए उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के फैसले को अल्पसंख्यक विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा ही नहीं, एनडीए सरकार भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “इस फैसले से पता चलता है कि भाजपा सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। वे पूरी तरह से उनके खिलाफ काम कर रही हैं। देश में एनडीए सरकार का राज है। जो अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। वे धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं और उनका ये फैसला सामाजिक न्याय के खिलाफ हैं। हम देश के लोगों को बता रहे हैं कि वे सांप्रदायिक, जातिवादी हैं। इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं।”
वहीं, दूसरी ओर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “वक्फ संशोधन विधेयक समय और वक्फ की जरूरत है। इस पर संसद और उसके बाहर चर्चा होनी चाहिए। मैं ये बात इसलिए कह रहा हूं, ताकि समाज का हित हो। और जो उत्पीड़न वक्फ के नाम पर चल रहा था, उसका समाधान होना चाहिए।” डीएमके सांसद कनिमोझी ने भी कहा है कि, “यह अनुच्छेद 30 का सीधा उल्लंघन है जो अल्पसंख्यकों को अपने संस्थानों का प्रबंधन करने से संबंधित है। यह विधेयक एक विशेष धार्मिक समूह को टारगेट करता है…”
इस बीच कांग्रेस सहित अन्य कई सांसदों ने इस संशोधन बिल के विरोध में नोटिस दिया है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित कई अन्य विरोधी दलों के सांसद लोकसभा में इसका विरोध कर रहे हैं। केंद्र सरकार लोकसभा में गुरुवार को वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन से जुड़े दोनों विधेयकों को पेश किया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को पेश किया जिसके बाद विपक्ष ने जमकर हंगामा मचाया।