गंगटोक : भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर सुबह से ही राहत और बचाव कार्यों में जुट गए हैं। बुधवार को बेहद खराब मौसम के कारण राहत एवं बचाव कार्यों में काफी बाधा आई लेकिन सुबह मौसम साफ होते ही दोबारा राहत कार्य शुरू कर दिए गए। आज उत्तरी सिक्किम के लाचेन और लाचुंग में फंसे लोगों को निकाल कर गंगटोक लाया जा रहा है।
गत 4 अक्टूबर को तीस्ता नदी में आई भयावह बाढ़ ने उत्तरी सिक्किम को जोड़ने वाली सड़कें और पुल नष्ट कर दी, जिस कारण उत्तरी सिक्किम घूमने पहुंचे पर्यटक फंस गए। सेना के हेलिकॉप्टरों के जरिये इन पर्यटकों को निकालने का काम जारी है। पर्यटक और स्थानीय लोगों के लिए सेना का हेलिकॉप्टर बड़ी राहत लेकर आया है। भारतीय वायु सेना ने उत्तरी सिक्किम में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए एमआई-17और चिनूक हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं।
सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में गुरुवार सुबह लाचुंग से 18 लोगों को रेस्क्यू किया गया और उन्हें राजधानी के लिबिंग स्थित सेना के हेलिपैड पर उतारा गया। दूसरे चरण में लाचेन से 16 लोगों को रेस्क्यू किया गया, जिनमें 10 स्थानीय लोग, 4 पर्यटक और 2 सेना के जवान शामिल थे। उन्हें भी राजधानी के लिबिंग स्थित सेना के हेलिपैड पर उतारा गया। सेना के एक हेलीकॉप्टर ने लाचने से 16 लोगों को रेस्क्यू कर उत्तरी सिक्किम के मंगन स्थित रिंगहिम हेलीपैड पर उतारा, जिनमें 7 पर्यटक और 9 स्थानीय लोग शामिल थे।
इसी तरह, सेना के हेलिकॉप्टरों ने पाकिम में सिक्किम के एकमात्र ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे पर लाचेन से 45 और लाचुंग से 40 लोगों को रेस्क्यू किया है। इन पर्यटकों को सिक्किम सरकार की व्यवस्था के तहत बस द्वारा सिलीगुड़ी और गंगटोक पहुंचाया जा रहा है। इससे पहले सुबह पाकिम के ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे से चिनूक हेलिकॉप्टर ने राहत सामग्री, पुलिसकर्मियों, चिकित्सा कर्मियों और 13 लाचुंग निवासियों को लाचुंग पहुंचाया।