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आंकड़े बताते हैं कि भारतीय टीम के ऑल टाइम बेस्ट फिनिशर माही ही

नई दिल्ली  । ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में मैन ऑफ द सीरीज की ट्रॉफी हासिल करने वाले 37 साल के एमएस धोनी एक बार फिर क्रिकेट प्रेमियों की जुबान पर हैं। टीम से बाहर करने वाले ही आज माही को वर्ल्ड कप के लिए टीम की जरूरत बता रहे हैं। धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाफ सेंचुरी पारी खेलकर साबित कर दिया की धोनी से बेस्ट फिनिशर भारतीय टीम में वर्तमान में कोई नहीं। भले ही विराट कोहली ने लक्ष्य का पीछा करते हुए 21 सेंचुरी जमाकर चेज मास्टर का तमगा हासिल कर लिया हो, लेकिन ऑल टाइम ग्रेट फिनिशर की जब भी बात होगी तो माही वहां उनसे कहीं आगे नजर आएंगे। सफल रन चेज में धोनी का औसत सौ के पार है जो किसी भी प्लेयर का नहीं है। लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी 48 बार नॉटआउट पविलियन लौटे हैं और इनमें से 46 बार वह भारत की जीत पक्की करके लौटे हैं। धोनी इतने लंबे करियर में केवल दो ही मौके पर नॉटआउट पविलियन लौटे, लेकिन टीम के माथे पर जीत का सेहरा नहीं बांध पाए। जिन दो मैच में भारत को जीत नहीं मिली उनमें से एक में मामला टाई पर खत्म हुआ था। साल 2012 में ऐडिलेड में श्रीलंका के खिलाफ मुकाबले में 237 रनों का पीछा करते हुए भारत ने 49 ओवर में 8 विकेट पर 228 रन बना लिए थे। मलिंगा के उस ओवर के चार गेंदों पर 5 रन बने और पांचवीं गेंद पर विनय कुमार रन आउट हो गए। अंतिम गेंद पर धोनी स्ट्राइक पर आ चुके थे और जीत के लिए चार रन की दरकार थी। उन्होंने गेंद को एक्स्ट्रा कवर की तरफ स्कूप किया, गेंद बाउंड्री के लिए जा रही थी, लेकिन शानदार फील्डिंग कर श्रीलंकाई फील्डर ने बाउंड्री बचा ली। हालांकि इस दौरान धोनी ने तीन रन की दौड़ पूरी कर मैच को टाई करा दिया। धोनी ने उस मैच में पुछल्लों के साथ पारी को संभा…

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