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सऊदी अरब के खिलाफ आगबबूला हुआ अमेरिका, दी बुरा अंजाम भुगतने की धमकी

अमेरिका : पिछले एक साल से अमेरिका और सऊदी अरब में बहुत कुछ गड़बड़ हो गया है और अमेरिकी अनुरोधों के बाद भी सऊदी अरब ने तेल उत्पादन में कटौती को इजाजत दे दी है, जिसके बाद सऊदी अरब से अमेरिका बुरी तरह से झल्लाया हुआ है। वहीं, अब अमेरिकी सांसदों ने सऊदी अरब को अंजाम भुगतने की धमकी दी है। राष्ट्रपति बाइडेन की पार्टी के कई सीनेटर्स ने सऊदी अरब को हथियारों की सप्लाई रोकने की मांग की है।

अमेरिका ने सऊदी अरब से बार-बार अनुरोध किया, कि सऊदी अरब के वास्तविक नेतृत्व वाले पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) सामूहिक तौर पर कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती नहीं करे, लेकिन सऊदी अरब ने अमेरिका की बातों को अनसुना कर दिया। तेल उत्पादन में सऊदी अरब कटौती ना करे, इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खुद सऊदी का दौरा किया था, बावजूद इसके सऊदी अरब ने अमेरिका की बात नहीं मानी। लिहाजा अब व्हाइट हाउस ने यह स्पष्ट कर दिया है, कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती और तेल की कीमतों में वृद्धि से तीन परिणाम सामने आएंगे, जिन्हें वह अभी दुनिया के लिए असाधारण रूप से खतरनाक मानता है। अमेरिका ने कहा है कि, सऊदी अरब की जिद की वजह से ना सिर्फ दुनियाभर में महंगाई काफी ज्यादा बढ़ेगी, बल्कि रूस को यूक्रेन युद्ध के लिए और धन मिलेंगे और दुनिया परमाणु युद्ध के और करीब आ जाएगी।

वहीं, अमेरिकी अनुरोधों को बार बार ठुकराने की वजह से सऊदी अरब के खिलाफ अमेरिकी कांग्रेस का विरोध सोमवार को तेजी से बढ़ गया है, और अमेरिका के एक शक्तिशाली डेमोक्रेटिक सीनेटर ने अमेरिका के हितों पर रूस का समर्थन करने के लिए सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री और सुरक्षा सहयोग को रोकने की धमकी दी है। आपको बता दें कि, सऊदी अरब के नेतृत्व में काम करने वाले ओपेक प्लस ने फैसला लिया है, कि वो हर दिन 2 मिलियन बैरल का उत्पादन कम करेगा, जिसके बाद अमेरिका में सऊदी अरब का विरोध काफी तेजी से बढ़ गया है। खासकर नवंबर महीने में अमेरिका में सीनेटर चुनाव होने वाले हैं, लिहाजा सऊदी अरब का ये फैसला बाइडेन प्रशासन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है और इससे सीनेटर चुनाव में नुकसान होने की संभावन है।

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