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नई पीढ़ी के हथियार, घातक हेरॉन ड्रोन का इस्तेमाल; अनंतनाग के घने जंगलों में अभी भी जारी भीषण मुठभेड़

श्रीनगर : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में पिछले दो दिनों से चल रही मुठभेड़ अभी भी जारी है। अनंतनाग के कोकेरनाग के घने जंगलों में चल रही मुठभेड़ में गुरुवार को दो और जवान घायल हो गए। मंगलवार देर रात सेना और पुलिस ने आतंकियों की तलाश के लिए संयुक्त तलाशी अभियान चलाया था। यह भीषण मुठभेड़ बुधवार तड़के हुई शुरू हुई। चिनार कोर के जनरल-ऑफिसर-कमांडिंग (जीओसी), लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और विक्टर फोर्स के जीओसी, मेजर जनरल बलबीर सिंह ऑपरेशन की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा।

सुरक्षाबल आतंकवादियों को ढेर करने के लिए नई पीढ़ी के हथियारों और उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं। 40 घंटे से अधिक समय से चल रहे ऑपरेशन में सेनाएं हमला करने में सक्षम घातक हेरॉन ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही हैं। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बल के चार जवान शहीद हो चुके हैं। गुरुवार को सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवाद विरोधी अभियान और तेज कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को तड़के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग के गडोले के जंगलों में गोलियों की आवाज सुनी गई। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के सफाए के लिए इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भेजा गया है। आतंकवादी संभवत: पहाड़ों में बने एक प्राकृतिक गुफा में छिपे हुए हैं। अधिकारियों ने कहा कि हेलीकॉप्टरों को गडोले के जंगलों के ऊपर मंडराते देखा गया क्योंकि सेना और पुलिसकर्मियों ने इलाके के चारों ओर कड़ी घेराबंदी कर रखी है। पूरे दिन गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं लेकिन किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।

इससे पहले दिन में, पुलिस ने कहा कि उसने अनंतनाग जिले में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को ‘घेर’ लिया है, जहां सुरक्षा बल के चार जवान बुधवार को मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। शहीदों में 19 राष्ट्रीय राइफल्स (RR) के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ढोचक, पुलिस उपाधीक्षक हुमायू भट्ट और एक सैनिक शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि 12-13 सितंबर की रात को सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त तलाशी अभियान चलाया और अनंतनाग के गरोल गांव इलाके में दो से तीन आतंकवादियों की तलाश में घेराबंदी की। व्यापक तलाशी के बाद, बलों को पता चला कि आतंकवादी घने वन क्षेत्र में गांव के ऊंचे इलाकों में छिपे हुए थे।

इस दौरान कर्नल मनप्रीत सिंह 19 आरआर खोजी दस्ते को लीड कर रहे थे। वहीं 19 आरआर की कोकेरनाग कंपनी के कमांडर मेजर आशीष धोंचक ऑपरेशन में उनके साथ थे। वे जंगलों के ऊबड़-खाबड़ इलाकों से होते हुए आगे बढ़े। बुधवार दोपहर के आसपास, छुपे हुए आतंकवादियों ने उन पर भारी गोलीबारी की। खोजी दस्ते ने जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ शुरू हो गई, लेकिन भीषण गोलीबारी में कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर धोंचाक और डीएसपी हिमानुन भट को गोली लग गई और वे शहीद हो गए।

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