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वाल्मीकि जयंती विशेष: जानिए रामायण रचयिता के बारे में कुछ ख़ास बातें

नई दिल्ली। आज वाल्मीकि जयंती है आज के दिन धरती पर महान विद्वान वाल्मीकि का जन्म हुआ था। बता दें कि सनातन धर्म के महत्वपूर्ण धर्मग्रंथ रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि जयंती (Valmiki Jayanti) हर साल आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। वाल्मीकि जयंती पर देश के अलग-अलग हिस्सों में सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

महान विद्वान वाल्मीकि (Valmiki) के जन्मदिन पर कुछ जगहों पर महर्षि वाल्मीकि की झांकी भी निकाली जाती है। वैसे बता दें कि अभी तक महर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है। लेकिन कहा जाता है कि इनका जन्म महर्षि कश्यप और अदिति के नौवें पुत्र वरुण और उनकी पत्नी चर्षिणी के यहां हुआ था। बताया जाता है कि महर्षि वाल्मीकि ( Maharishi Valmiki ) ने प्रथम श्लोक की रचना की थी।

महर्षि वाल्मीकि ( Maharishi Valmiki ) ध्यान में मग्न थे। तब उनके शरीर में दीमक चढ़ गई थीं। साधना पूरी होने पर महर्षि वाल्मीकि ने दीमकों को हटाया था। दीमकों के घर को वाल्मीकि कहा जाता है। ऐसे में इन्हें भी वाल्मीकि पुकारा गया। वाल्मीकि को रत्नाकर के नाम से भी जानते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब श्रीराम ने माता सीता का त्याग किया था। इस दौराव वह कई वर्षों तक वाल्मीकि ( Maharishi Valmiki ) आश्रम में रही थीं। कहते हैं कि यही पर माता सीता ने लव और कुश को जन्म दिया था। यही कारण है कि माता सीता को वन देवी भी कहते हैं।

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