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प्रयागराज प्रशासन कब समझेगा प्रतियोगी छात्रों की पीड़ा

अशोक पाण्डेय

प्रशासन बेखबर और मकान मालिकों का अमानवीय चेहरा..

प्रयागराज: योगी सरकार ने निर्देश दिया कि “लॉकडाउन में फंसे हजारों छात्रों को उनके घर पहुंचाया जाए”। ज्यादातर छात्रों ने हालत सामान्य होने की उम्मीद के साथ घर वापसी की तो, कुछ ने शहर में रहकर हालत से लड़ने का निर्णय लिया। अभी बहुत ऐसे प्रतियोगी छात्र हैं जो घर नहीं जा रहे है,क्योंकि उन्हें अनेक दिक्कतें आ रही हैं ।

जैसे- जिला मुख्यालय से उनके घर तक बस न मिलना, रिमोट एरिया से होना, क्वार॑टीन का भय आदि । ऐसे में अभी हजारों छात्र शहर में रुके हुए हैं। लेकिन उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मकान मालिक छात्रों से किराया देने का लगातार दबाव बना रहे हैं। ऊपर से धमकी भी देते हैं, अगर किराया नहीं देना है तो कमरा खाली कर दो ! ऐसे में प्रतियोगी छात्र जाए तो जाए कहां ? करे तो करे क्या ? जबकि गृह मंत्रालय ने निर्देश जारी किया “छात्रों और मजदूरों से किराया न लिया जाए।”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मकान मालिकों को किराया न लेने के आदेश दे चुके है। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर, गाज़ियाबाद और लखनऊ के जिलाधिकारियों ने किराया माफी का आदेश भी जारी किया है । लेकिन प्रयागराज के जिलाधिकारी ने किराया माफी को लेकर आदेश अभी तक क्यों नहीं दिया ? यह बात समझ से परे है ! अनिश्चितता और आर्थिक गतिविधियां ठप होने के साथ-साथ खाद्यान्न जरूरतों की दिक्कतें का भी इन्हें सामना करना पड़ रहा है।ऐसे बेरोजगारी के इस दौर में कैरियर सुरक्षा के साथ-साथ जीवन सुरक्षा की भी चिंता सताने लगी है। वैश्विक महामारी इस संकट की घड़ी में युवाओं के सामने आर्थिक चुनौतियों के साथ-साथ आगामी परीक्षाओं एवं उससे जुड़ी नौकरियों में भी संशय के बादल मंडराने लगे हैं।

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