अद्धयात्म

अगर आपकी पत्नी में हैं ये 4 गुण तो आप हैं भाग्यवान

garud-puran-01_1443945514हिंदू धर्म में पत्नी को पति की अर्धांगिनी भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है पत्नी पति के शरीर का आधा अंग होती है। महाभारत में भीष्म पितामाह ने कहा है कि पत्नी को सदैव प्रसन्न रखना चाहिए क्योंकि उसी से वंश की वृद्धि होती है।
इसके अलावा भी अनेक ग्रंथों में पत्नी के गुण व अवगुणों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। गरुड़ पुराण में भी पत्नी के कुछ गुणों के बारे में बताया गया है। इसके अनुसार जिस व्यक्ति की पत्नी में ये गुण हों, उसे स्वयं को देवराज इंद्र यानी भाग्यशाली समझना चाहिए। ये गुण इस प्रकार हैं-

सा भार्या या गृहे दक्षा सा भार्या या प्रियंवदा।
सा भार्या या पतिप्राणा सा भार्या या पतिव्रता।। (108/18)

अर्थात- जो पत्नी 1. गृहकार्य में दक्ष है, 2. जो प्रियवादिनी है, 3. जिसके पति ही प्राण हैं और जो 4. पतिपरायणा है, वास्तव में वही पत्नी है।
नोट- गरुड़ पुराण पुराने समय का बहुत ही प्रचलित ग्रंथ है। इस ग्रंथ में सुखी जीवन के लिए कई बातें बताई गई हैं। इस पुराण में कुछ बातें ऐसी भी हैं जो आज के समय के लिए प्रासंगिक नहीं हैं और इन बातों का पालन कर पाना सभी के लिए संभव नहीं है। इसीलिए हम यहां बताई गई बातों का समर्थन नहीं करते हैं। ये स्टोरी सिर्फ पाठकों के लिए शास्त्र संबंधी ज्ञान बढ़ाने के लिए है।

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