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अपने ग्रहों को शक्तिशाली बनाने के लिए धारण करें ये रत्न…

ज्योतिष शास्त्र में रत्नों को बड़ा ही महत्व दिया गया है। इन रत्नों को ग्रहों की शांति के लिए और उन्हें शक्तिशाली बनाने के लिए धारण करते हैं। ग्रह से संबंधित रत्न धारण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। लेकिन इन रत्नों को धारण करने के नियम होते हैं। अगर इन नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो फिर रत्नों के दुष्परिणाम भी देखने को मिलते हैं। इसलिए रत्न को धारण करने से पहले अपनी कुंडली का अध्ययन किसी अच्छे ज्योतिषाचार्य से जरूर करवाएं और उनकी सलाह पर ही पहनें। आइए जानते हैं ग्रहों के लिए रत्न और उन्हें धारण करने की विधि।

सूर्य की महादशा चलने पर
अगर की व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की महादशा चल रही होती है उन्हें रविवार के दिन रिंग फिंगर में माणिक्य रत्न को धारण करना चाहिए। रत्न पहनने के लिए सूर्योदय का समय सबसे सही समय रहता है।

चंद्रमा की महादशा चलने पर
अगर कुंडली में चंद्रमा की महादशा चल रही हो तो ऐसे व्यक्तियों को मोती धारण करने की सलाह दी जाती है। मोती धारण करने का सबसे शुभ समय सोमवार का दिन होता है। सोमवार की शाम अनामिका या कनष्ठिका उंगली में मोती पहन सकते हैं।

मंगल की महादशा चलने पर
कुंडली में मंगल की महादशा चलने पर व्यक्ति को मूंगा पहनना चाहिए। मूंगा पहनने के लिए मंगलवार का दिन शुभ माना गया है। मंगल के दिन शाम 5 के बाद इसे रिंग फिंगर में पहनना उत्तम है।

बुध की महादशा चलने पर
ज्योतिषाचार्य कुंडली में बुध की महादशा होने पर व्यक्ति को पन्ना पहनने की सलाह देते हैं। बुधवार का दिन पन्ना धारण करने का विशेष महत्व है। दोपहर के वक्त आप अपनी कनिष्ठिका में पन्ना पहन सकते हैं।

बृहस्पति की महादशा चलने पर
बृहस्पति की महादशा चलने पर पुखराज पहना जाता है। गुरुवार के दिन सुबह 10-12 बजे के बीच तर्जनी अंगुली में पुखराज पहनना चाहिए।

शुक्र की महादशा चलने पर
शुक्र की महादशा चलने पर हीरा पहनना चाहिए। इसे मध्यमा या मिडल फिंगर में धारण करें।

शनि की महादशा चलने पर
जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि की महादशा चल रही होती है उन्हें नीलम पहनने की सलाह दी जाती है। शाम के समय में मध्यमा अंगुली में इसे धारण करना चाहिए। शनिवार का दिन उत्तम रहता है।

राहु-केतु की महादशा चलने पर
जिन जातकों की कुंडली में राहु-केतु की महादशा का असर होता है उनके के लिए शनिवार के दिन अपनी मध्यमा अंगुली में गोमेद धारण करना उत्तम माना जाता है।

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