फीचर्डराष्ट्रीय

आज बैंक कर्मियों की हड़ताल, व्यापक असर पड़ने की आशंका

bank-work_650x488_81446453387 (2)चेन्नई: नई कैरियर प्रोन्नयन योजना (सीपीएस) के विरोध में शुक्रवार को करीब 3,40,000 बैंककर्मी हड़ताल पर रहेंगे। यह बात ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के एक नेता ने गुरुवार को कही। उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पांच सहयोगी बैंकों द्वारा अपने-अपने कर्मचारी संघों के साथ किए गए समझौते का उल्लंघन किए जाने के विरोध में हड़ताल की जा रही है।

बैंक कर्मचारी संघों से समझौते का उल्लंघन
पांच सहयोगी बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर हैं। एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटाचलम ने कहा, “पांचों बैंकों के प्रबंधन कर्मचारी संघों के साथ लड़ाई की मुद्रा में हैं, न कि कर्मचारी संघ प्रबंधन के साथ संघर्ष कर रहे हैं। मुख्य श्रम आयुक्त (सीएलसी) ने सुलह वार्ता में बैंक प्रबंधन को नई सेवा शर्त लागू करने से मना किया था।”

स्वीपर के पद खत्म करने की कोशिश का विरोध
हड़ताल का व्यापक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि अगले दिन नौ जनवरी को साप्ताहिक छुट्टी भी है। उन्होंने कहा, “इंडियन बैंक एसोसिएशन ने चुप्पी साध रखी है। हमें मजबूर होकर हड़ताल पर जाना पड़ रहा है। शाखा कार्यालय बंद नहीं होंगे, लेकिन कर्मचारियों के काम पर जाने से सामान्य काम-काज प्रभावित होगा।” वेंकटाचलम ने कहा कि पांच बैंक स्वीपर पद की स्थाई नौकरी को खत्म कर ऐसे कार्य ठेके पर दे देना चाहते हैं।

एसबीआई के सहयोगी बैंकों के विलय का प्रयास
एआईबीईए मानता है कि एसबीआई और इसके पांच सहयोगी बैंकों में समान सेवा शर्त लागू की जाना विलय की दिशा में उठाया गया कदम है। वेंकटाचलम ने कहा कि सभी छह बैंकों की प्रौद्योगिकी, ब्रांडिंग और काम की प्रक्रिया पहले से ही समान कर ली गई है।

 

Related Articles

Back to top button