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आतंकवाद के खिलाफ “करीम मोहम्मद” ने उठाई मशाल


मुम्बई : इन दिनों आतंकवाद देश में बड़ा मुद्दा बना हुआ है। बढ़ते आतंक ने ही जम्मू—काश्मीर के राजनीतिक हालात भी बिगाड़ दिए। देखा जाए, तो आतंकवाद पर अब तक कई फिल्मेें बन चुकी हैं, जिन्होंने दर्शकों को सोचने पर मजबूर किया, लेकिन विडंबना तो यही है कि आतंक का खात्मा अब तक नहीं हो पाया लेकिन डायरेक्टर पवन कुमार शर्मा की फ़िल्म “करीम मोहम्मद” आतंक पर बनी पहली ऐसी फ़िल्म है, जिसमें कई ऐसे सच उजागर हुए हैं, जो अब तक दर्शकों ने नहीं देखे होंगे। पहली बार ऐसी किसी फिल्म में पत्थरबाजी जैसे कई इशुज़ भी उठाये गए हैं। इस फिल्म में लगान, अब तक छप्पन, अपहरण, आरक्षण और गंगाजल जैसी कई फिल्मों में गजब का अभिनय कर चुके यशपाल शर्मा का अहम रोल है जिन्होंने बकरियां चराने वाले एक शख्स का किरदार निभाया है।

बताया जाता है कि किरदार की गहराई में उतरने के लिए यशपाल ने एक अविश्वसनीय काम किया। उन्होंने ‘करीम मोहम्मद’ की 20 दिनों की पूरी शूटिंग के दौरान एक ही कपड़ा पहना। सोते समय भी वह कपड़ा नहीं बदलते थे और न उसे धुलवाया। क्योंकि वह अपने किरदार में वह विश्वास लाना चाहते थे। आतंकवाद के विरुद्ध एक मैसेज देती यह फिल्म कई फ़िल्म महोत्सवों में दिखाई और सराही गई है जिसे अब तक 18 अवार्ड भी मिल चुके हैं। 24 अगस्त को रिलीज हो बाप बेटे की इस कहानी में हर्षित रजावत ने यशपाल शर्मा के बेटे का रोल किया है। निर्माता रविन्द्र राजावत की इस फिल्म को अन्हद स्टूडियो प्रस्तुत कर रहा है।

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