अद्धयात्म

आपकी इस एक गलती के कारणभगवान नहीं सुनते हैं आपकी प्रार्थना, अभी सुधारे अपनी यह गलती

दुनिया कर हर व्यक्ति ईश्वर का ध्यान करता हैं। उससे प्रार्थना करता हैं। कि व्यक्ति के सारे कष्ट जल्द से जल्द दूर हो जाये मगर कभी कभी कुछ गलतियों की वजह से ईश्वर आपकी प्रार्थना को स्वीकार नहीं करता हैं। क्योंकि प्रार्थना करते वक्त लोग दिल से नहीं अपने लालच लोभ के लिए लिए ईश्वर की पूजा प्रार्थना करते हैं। आपको बता दें, कि सच्चे  मन से भगवान के सामने बैठकर निर्मल और शांत मन से ध्यान की अवस्था में प्रार्थना करें तो इसीलिए वैदिक पद्धति में प्रार्थना करना बहुत ही लाभदायी और शक्तिशाली माना जाता हैं। तो आइए जानते हैं। प्रार्थना करने का सही तारीका और उससे जुड़ी की अहम बातों के बारे में।

आपकी इस एक गलती के कारणभगवान नहीं सुनते हैं आपकी प्रार्थना, अभी सुधारे अपनी यह गलतीअगर देखा जाये तो प्रार्थना तब होती हैं, जब आप कृतज्ञता महसूस करते हैं,या फिर निर्बल महसूस करते हैं। इन दोनो ही स्थितियों में प्रार्थना करने से आपकी पुकार सुन ली जाती हैं। जब आप बहुत ही परेशान होते हैं। तब आपके मन से जो प्रार्थना निकलती हैं। ईश्वर के लिए वह ही सबसे अच्छी होती हैं।

वही जब आप लालच करते हैं,तो आपका मन प्रार्थना पर नहीं लग पाता हैं,आप सिर्फ अपनी खुशी के बारे में सोचते हैं और फिर प्रार्थना करते हैं मन से की गयी यह प्रार्थना ही भगवान तक पहुंच पाती हैं। मगर आप उस वक्त मन से प्रार्थना नहीं करते हैं। जिसके कारण ही आपकी प्रार्थना को ईश्वर स्वीकार नहीं करता हैं और आपकी नहीं सुनता हैं। फिर हम भगवान को या फिर खुद के भाग्य को कोसते हैं। आप जब भी प्रार्थना करें तो सच्चे मन से करे बिना किसी भी स्वार्थ के कि गई प्रार्थना भगवान हमेशा ही सुनता हैं।

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