उत्तर प्रदेशराज्य

आर एस डी का प्रयास हुआ सफल, शुल्क विनियमन विधेयेक को मिली मंजूरी

लखनऊ: प्रदेश में कोई भी निजी विद्यालय अब मनमानी कर अपनी फ़ीस वृद्धि नहीं कर सकते, सरकार ने अब इन स्कूलों की फ़ीस वृद्धि का फार्मूला तय कर दिया है। बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह अहम फैसला लिया गया।

बताते चले कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) विधेयक का प्रस्ताव रखा था किन्तु सत्र प्रारम्भ होने के बाद भी यह विधेयक लागू नहीं हो सका था। जिसके लिए राष्ट्रीय स्वाभिमान दल (आर एस डी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक श्रीवास्तव अपने अन्य समर्थकों के साथ 04 अप्रैल बुधवार को एक जन आन्दोलन करने वाले थे। आर एस डी ने इस आन्दोलन की लिखित सूचना मुख्यमंत्री को प्रेषित की थी जिसको संज्ञान में लेते हुए 03 अप्रैल को एक कैबिनेट बैठक हुई जिसमे प्रस्तवित शुल्क विनियमन विधेयक को मंजूरी दे दी गई ।

बैठक के बाद लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि यह अध्यादेश उन सभी विद्यालयों पर लागू होगा जिनकी फ़ीस 20 हज़ार रूपये से अधिक है। इसके दायरे में यु पी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई एवं अन्य सभी बोर्डों से मान्यता प्राप्त विद्यालयों पर लागू होगा।

इस विधेयक को मंजूरी मिलने से अभिभावकों में ख़ुशी की लहर है। आर एस डी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक श्रीवास्तव ने पत्र को संज्ञान में लेते हुए शुल्क विनियमन विधेयक को लागू करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री उच्च शिक्षा विभाग दिनेश शर्मा एवं बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल को सादर आभार व्यक्त किया है।

आर एस डी के राष्ट्रीय महासचिव अजय कुमार ने बताया कि हमारे संरक्षक बाबा हरदेव सिंह की अध्यक्षता में इस विधेयक को लागू कराने के लिए हमारे साथ कंधे से कंधा मिलकर चलने वाले सभी सहयोगी दल एवं अन्य साथियों की अहम भूमिका रही है।

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