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इंसान का स्वभाव और चरित्र शरीर के रंग से जानिए

एजेन्सी/ 24-1427186240-22-1427019663-21-1426960860-nargisforlfw2015suneetvarmaभगवान ने प्रत्येक मनुष्य का शरीर अलग बनाया है। प्रत्येक इंसान के चेहरा अलग होता है। उसकी कद-काठी भिन्न होती है। यहां तक की उनकी त्वचा का रंग भी अलग होता है। किसी की त्वचा का रंग काला होता है तो किसी का गोरा। मनुष्य के शरीर की प्रकृति, बनावट तथा डील-डोल के आधार पर उसके स्वभाव व चरित्र के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। इस विद्या को सामुद्रिक शास्त्र या शरीर लक्षण विज्ञान भी कहते हैं।

सामुद्रिक शास्त्र के विद्वानों के अनुसार शरीर के रंग के आधार पर भी मनुष्य के स्वभाव के बारे में जाना जा सकता है। स्थान, प्रकृति तथा अनुवांशिकता के अनुसार मनुष्य का शरीर मुख्य रूप से तीन रंगों का होता है, जिन्हें हम साधारण बोलचाल की भाषा में गोरा, गेहुंआ (सांवला) व काला कहते हैं। इनके आधार पर हम किसी भी मनुष्य के स्वभाव का आंकलन कर सकते हैं।

1. समुद्र शास्त्र के अनुसार काले रंग के लोग पूर्ण स्वस्थ, दृढ़ परिश्रमी, तमोगुणी एवं क्रोधी होते हैं। इनका बौद्धिक विकास कम होता है, जिसके परिणामस्वरूप वे सभी सामाजिक परंपराओं, संस्कारों एवं मर्यादाओं से दूर, उत्तेजित, हिंसक, कामी, हठी एवं आक्रामक तथा अपराधी प्रवृत्ति के होते हैं।

2. एकदम काले रंग से प्रभावित स्त्रियों के संबंध में समुद्र शास्त्र में वर्णन है कि अत्यधिक काले रंग के नेत्र, त्वचा, रोम, बाल, होंठ, तालु एवं जीभ आदि जिन स्त्रियों के हों, वे निम्न वर्ग में आती है। इस वर्ण की स्त्रियां स्वामीभक्त और बात को अंत तक निभाने वाली एवं निर्भिक होती है। रति में पूर्ण सहयोग और आनन्द देती हैं। विश्वसनीय, उत्तम मार्गदर्शिका और प्यार में बलिदान देने वाली होती हैं। इनके प्यार में धूप सी गर्मी व चंद्रमा सी शीतलता पाई जाती है। यही इनका गुण होता है।

3. समुद्र शास्त्र के अनुसार गोरे रंग के लोगो में मुख्य रूप से दो भेद होते हैं हैं। प्रथम में लाल एवं सफेद रंग का मिश्रण होता है जिसे हम गुलाबी कहते हैं। ऐसे लोग मृदु स्वभाव, बुद्धिमान, साधारण परिश्रमी, रजोगुणी एवं अध्ययन तथा विचरण प्रेमी होते हैं।

4. दूसरे भेद में लाल व पीले रंग का मिश्रण होता है, जिसे पिंगल कहा जाता है। ऐसे जातक परिश्रमी, धैर्यवान, सौम्य, गंभीर, रजोगुणी, भोगी, समृद्ध एवं व्यवहार कुशल होते हैं। देखने में आता है कि ऐसे जातक बीमार रहते हैं तथा इन्हें रक्त संबंधी बीमारी अधिक होती है।

5. विद्वानों की मान्यता है कि सफेद या पीले रंग से संयुक्त लाल रंग के नाखून, तालू, जीभ, होंठ, करतल तथा पदतल वाली स्त्री धन-धान्य से युक्त, उदार एवं सौभाग्यवती होती है।

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