अद्धयात्म

इन 10 कामों को करना माना गया है महापाप, नर्क में भोगनी पड़ती हैं यतनाएं

कुछ लोग पूजा-पाठ तो काफी करते हैं, लेकिन उनकी मनोकामनाएं अधूरी ही रह जाती हैं। महाभारत, शिवपुराण और गरुड़ पुराण में बताए 10 ऐसे काम बताए गए हैं, जो पाप (Sins According to Mythology) हैं। जो व्यक्ति ये पाप करता है, उसे किसी भी देवी-देवता की कृपा नहीं मिल पाती है और जीवन में दुख बना रहता है। जानिए ये 10 काम कौन-कौन से हैं…

पहला पाप

किसी भी स्त्री का अपमान करना पाप है। ध्यान रखें कभी भी गर्भवती या मासिक धर्म के दौरान किसी महिला को बुरा बोलना, अपमान करना महापाप (Sins According to Mythology) है। ये पाप करने वाले व्यक्ति को कभी भी सुख नहीं मिल पाता है।

दूसरा पाप

दूसरों का धन पाने की इच्छा करना भी शास्त्रों के अनुसार पाप है।

तीसरा पाप

किसी सीधे-साधे इंसान को या जीव को कष्ट देना, नुकसान पहुंचाना, उनके लिए बाधाएं पैदा करने की योजना बनाना भी पाप है।

चौथा पाप

अच्छा-बुरा, सही-गलत जानने और समझने के बाद भी गलत काम करना पाप है।

पांचवां पाप

पराए स्त्री-पुरुष पर बुरी नजर रखना या उन्हें पाने की कोशिश करना या उनके बारे में गलत सोचना भी पाप है।

छठा पाप

दूसरों के मान-सम्मान को नुकसान पहुंचने की नीयत से झूठ बोलना, छल-कपट करना, षड़यंत्र रचना पाप है।

सातवां पाप

छोटे बच्चों, महिलाओं या किसी भी कमजोर व्यक्ति या जीव के खिलाफ हिंसा करना, असामाजिक कर्म करना भी पाप है।

आठवां पाप

किसी मंदिर की चीजें चुराना या गलत तरीके से दूसरों की संपत्ति हथियाना भी पाप है।

नवां पाप

गुरु, माता-पिता, पत्नी या पूर्वजों का अपमान करने वाले को शिवजी कभी क्षमा नहीं करते हैं।

दसवां पाप

नशा करना, दान की हुई चीजें या धन वापस लेना महापाप है। किसी भी प्रकार के अधर्म में भागीदार बनना पाप है।

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