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इस दिशा में मुंह कर के नहाने से चमक जाता है भाग्य, जानिए आप भी अपना वास्तु

भारत में वास्तु शास्त्र को बहुत अधिक महत्त्व दिया जाता हैं. यहाँ लगभग हर व्यक्ति घर बनाते से वास्तु के नियमों को एक बार जरूर ध्यान में रखता हैं. ऐसा कहा जाता हैं कि जिस घर में सभी चीजें वास्तु के अनुरूप होती हैं वहां हमेशा सुख शान्ति और सम्रद्धि बनी रहती हैं. वहीँ जिस घर का वास्तु सही नहीं होता हैं वहां कोई ना कोई समस्यां बनी ही रहती हैं. इसकी वजह ये हैं कि एक सही वास्तु घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलाता हैं जो पुरे घर के लिए फायदेमंद होती हैं वहीँ एक गलत वास्तु घर में नकारात्मक ऊर्जा फैलता हैं जिसके चलते घर में परेशानियाँ जन्म लेती हैं. घर के वास्तु में बाथरूम का भी एक वोशेष महत्व रहता हैं. खासकर कि आप जहाँ रोज स्नान करते हैं उसकी दिशा भी सही होना जरूरी हैं.

इस दिशा में मुंह कर के नहाने से चमक जाता है भाग्य, जानिए आप भी अपना वास्तु हालाँकि कई बार घर में बना बाथरूम वास्तु के अनुरूप नहीं होता हैं. ऐसे में आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं हैं. आप बस नहाते समय यदि सही दिशा में मुंह कर ले तो भी इस वास्तु को फॉलो कर सकते हैं. इंसान रोज नहाता हैं ताकि उसके शरीर की सारी गन्दगी दूर हो जाए. इस गंदगी में ढेर सारी नेगेटिव एनर्जी भी भरी होती हैं. इसलिए जब आप नहाना शुरू करते हैं तो आपका एक सही दिशा की ओर मुख कर के बैठना जरूरी होता हैं ताकि आपके शरीर की गंदगी के साथ साथ ये नेगेटिव एनर्जी भी दूर हो जाए. इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको वास्तु के अनुसार नहाने की सही दिशा के बारे में बताने जा रहे हैं. यदि आप इस दिशा में मुंह कर के रोज नहाते हैं तो आपको कई सारे फायदें देखने मिलेंगे. तो चलिए बिना किसी देरी के नहाने की सही दिशा के बारे में जान लेते हैं.

वास्तु के अनुसार इस दिशा में नहाना होता हैं शुभ

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में यदि आप स्नान कक्ष यानी की बाथरूम बना रहे हैं तो उसकी सबसे बेस्ट जगह पूर्व दिशा होती हैं. पूर्व के बाद उत्तर दिशा में भी नहाने का बाथरूम बनाया जा सकता हैं. वहीँ शौचालय बनाने के लिए दक्षिण और पश्चिम दिशा उत्तम होती हैं. यदि आप किसी कारणवश इस दिशा में नहाने की बाथरूम नहीं बनवा पाए हैं तो आप पूर्व दिशा की ओर मुख कर के नहा भी सकते हैं. फिर आपकी बाथरूम किसी भी दिशा में हो उससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा.

जब आप पूर्व दिशा में मुख कर के नहाते हैं तो आपके शरीर की गंदगी के साथ नेगेटिव एनर्जी भी आपको छोड़ देती हैं. इसकी वजह ये हैं कि पूर्व सूर्यदेव की दिशा हैं. इस दिशा से जब सूर्य उदय होता हैं तो उसकी तेज़ और प्रभावशाली पॉजिटिव एनर्जी आगमन करती हैं. ऐसे में इस दिशा में सुबह के समय सबसे अधिक पॉजिटिव एनर्जी रहती हैं. ऐसे में जब आप इस दिशा में मुंह कर नहाते हैं तो ये पॉजिटिव एनर्जी आपके शरीर की सभी नेगेटिव एनर्जी को नष्ट कर देती हैं. जब आपके शरीर में नेगेटिव एनर्जी नहीं होती हैं ढेर साडी पॉजिटिव एनर्जी होती हैं तो आपका भाग्य भी अपने आप चमकने लगता हैं.

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