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एक कुंड ऐसा जहां मिलता है पाप-मुक्ति का सर्टिफिकेट

download (5)उदयपुर। हिंदू धर्म में जीवन की सबसे प्रबल चाहत पाप मुक्ति और मोक्ष पाने की होती है। पाप मुक्ति और मोझ के लिए लोग तमाम तरह के उपाय करते हैं।

राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में ऐसा मंदिर है जहां आप सरोवर में डुबकी और 11 रुपए का दान देकर पाप मुक्ति का प्रमाणपत्र हासिल कर सकते हैं। दान और डुबकी से क्या वास्तव में आप पाप मुक्त हो सकते हैं। ये बहस का मुद्दा हो सकता है, लेकिन आस्था की डुबकी लगाने के लिए हजारों की संख्या में हर रोज लोग श्री गौतमेश्वर महादेव पापमोचन तीर्थ का दर्शन करते हैं।

गौतमेश्वर मंदिर में बने मंदाकिनी कुंड में डुबकी और दान करने के बाद एक प्रमाण पत्र मिलता है। जो ये प्रमाणित करता है कि अब आप पाप मुक्त हो चुके हैं।

भारत की आजादी के बाद से मंदिर के पास उन श्रद्धालुओं के रिकॉर्ड हैं जिन्होंने कुंड में डुबकी और दान देकर पाप मुक्ति का प्रमाणपत्र हासिल कर चुके हैं। अमीनत कछारी के नाम से जाना जाने वाला पुजारियों का एक दल प्रत्येत सर्टिफिकेट के 1 रुपया शुल्क लेता है। जबकि दोष निवारण के लिए 10 रुपए लिया जाता है।

गांवों में समाज से बाहर निकाले गए लोग मंदाकिनी कुंड में डुबकी लगाने के साथ पाप मुक्ति का प्रमाणपत्र हासिल करते हैं। मंदिर के पुजारी नंद किशोर शर्मा का कहना है कि गौतमेश्वर मंदिर को इस इलाके में हरिद्वार की तरह माना जाता है। सदियों पुराना ये मंदिर जनजाति समुदाय में आस्था के महत्वपूर्ण केंद्र के तौर पर मशहूर है।

पुजारी के मुताबिक हाल के दिनों में मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हुआ है। लेकिन पाप मुक्ति प्रमाण हासिल करने वालों की संख्या में कमी आयी है। लोककथाओं के मुताबिक गौतम ऋषि को एक जानवर को मारे जाने के मामले में श्राप मिला था। उन्होंने कुंड में डुबकी लगायी और खुद को पापमुक्त कर लिया। इसके साथ ही इस परंपरा की शुरुआत हुई।

बताया जाता है कि खेती करने के दौरान जाने अनजाने में हजारों की संख्या में जीव-जन्तु मर जाते हैं। जिससे लोगों को लगता है कि वो पाप में भागीदार बन गए हैं।

 
 

 

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