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एजुकेशन सिस्टम सुधारने के लिए 4 साल में खर्च होंगे 1 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी मोदी सरकार

पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय के 49वें कन्वोकेशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना शुक्रवार को शामिल हुए. जहां पीएम मोदी और शेख हसीना ने रविन्द्र भवन का भी दौरा किया.

कन्वोकेशन के दौरान मोदी ने छात्रों को शिक्षा से संबंधित कई बातें कही. साथ उन्होंने बताया विश्व भारती विश्वविद्यालय संस्थापक रवींद्रनाथ टैगोर छात्रों से क्या उम्मीद रखते थे. आपको बता दें, प्रधानमंत्री बनने के बाद से यह मोदी का किसी विश्वविद्यालय का पहला दौरा है. आखिरी बार 2008 में संस्थान के कोई कुलाधिपति दीक्षांत समारोह में मौजूद थे.

आइए जानते हैं मोदी ने छात्रों से क्या कहा:-

– मोदी ने कहा मैं यहां अतिथि के तौर पर नहीं आचार्य के तौर पर आया हूं.

– मोदी ने रवींद्रनाथ टैगोर की बात छात्रों को याद दिलाते हुए कहा कि गुरुदेव मानते थे कि हर व्यक्ति का जन्म किसी ना किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए होता है. प्रत्येक बालक अपनी लक्ष्य-प्राप्ति की दिशा में बढ़ सके, इसके लिए उसे योग्य बनाना शिक्षा का महत्वपूर्ण कार्य है.

– उन्होंने आगे कहा -वो कहते थे कि शिक्षा केवल वही नहीं है जो विद्यालय में दी जाती है.

– मोदी ने कहा गुरुदेव चाहते थे कि भारतीय छात्र बाहरी दुनिया में भी जो कुछ हो रहा है, उससे परिचित रहें. दूसरे देशों के लोग कैसे रहते हैं, उनके सामाजिक, सांस्कृतिक मूल्य क्या हैं, इस बारे में जानने पर वो हमेशा जोर देते थे. लेकिन इसी के साथ वो ये भी कहते थे कि भारतीयता नहीं भूलनी चाहिए.

– मोदी ने कहा एजुकेशन सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए कम उम्र में ही Innovation (नवोन्मेष) का माइंड सेट तैयार करने की दिशा में हमने देशभर के 2400 स्कूलों को चुना है. इन स्कूलों में ‘Atal Tinkering Labs’ के माध्यम से 6ठी से 12वीं कक्षा के छात्रों पर फोकस किया जा रहा है. इन लैब्स में बच्चों को आधुनिक तकनीक से परिचित करवाया जा रहा है.

– उन्होंने ने कहा शैक्षिक संस्थाओं को पर्याप्त सुविधाएं मिले, इसके लिए 1000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ ‘Higher Education Financing Agency’ शुरू की गई है. इससे प्रमुख शैक्षिक संस्थाओं में High Quality Infrastructure के लिए निवेश में मदद मिली है.

एजुकेशन सिस्टम में सुधार

आज के दौर में बिगड़ता एजुकेशन सिस्टम सबसे बड़ी चिंता का विषय है. क्योंकिे बेहतर शिक्षा का न मिल पाना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. पीएम मोदी का कहना है कि देश के युवाओं को अगर बेहतर शिक्षा और सुविधा मिलेगी, तभी देश प्रगति की ओर आगे बढ़ सकेगा. वहीं मोेदी ने छात्रों से कहा अगले चार साल में देश के एजुकेशन सिस्टम को सुधारने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे ताकि भारत में हर छात्र को एक बेहतर और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल सके.

विश्व भारती विश्वविद्यालय के 49वें कन्वोकेशन में शामिल हुए मोदी ने छात्रों से कहा आप युवा पीढ़ी देश का भविष्य हैं. अगर आपके साथ चलने के लिए कोई तैयार ना भी हो, तब भी अपने लक्ष्य की तरफ अकेले ही चलते रहो. लेकिन आप अकेल नहीं है सरकार आपके साथ चलेगी.

मोदी ने कहा मैं छात्रों से कहना चाहता हूं अगर आप एक कदम चलेंगे तो चार कदम सरकार चलेगी. जनभागीदारी के साथ बढ़ते हुए ये कदम ही हमारे देश को उस मुकाम तक लेकर जाएंगे, जिसका सपना गुरुदेव ने भी देखा था. उन्होंने कहा विश्व भारती विश्वविद्यालय न्यू इंडिया के साथ-साथ विश्व को नए रास्ते दिखाती रहे, इसी कामना के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं.

जानें कब हुई विश्व भारती विश्वविद्यालय की स्थापना

विश्व भारती विश्वविद्यालय की स्थापना 23 दिसबंर 1921 में हुई. इस विश्वविद्यालय के संस्थापक रबीन्द्रनाथ टैगोर ने की थी. ये भारत के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में से एक हैं. यहां ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्सेज करवाएं जाते हैं.

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