ज्ञान भंडार

कलाई पर बंधा कलावा होता है रक्षाकवच, जानिए किस हाथ में बंधवाना चाहिए

हाथ में कलावा बंधवाने का सिर्फ धार्मिक ही नहीं, वैज्ञानिक महत्व भी है।

जीवन में शुभता प्रदान करता है कलावा
हाथ में कलावा बांधना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कलावा शुभता प्रदान करता है।

संकल्प, रक्षा एवं विश्वास का प्रतीक
कलावा को संकल्प, रक्षा एवं विश्वास का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कलावा बांधने से त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु व महेश एवं त्रिदेवियां- लक्ष्मी, पार्वती व सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है। 

कलावा बांधने की प्रथा
कलावा बांधने की प्रथा काफी पुरानी है, धार्मिक कथाओं के अनुसार सबसे पहले वामन भगवान ने दानवीर राजा बली की अमरता के लिए उनकी कलाई पर रक्षासूत्र बांधा था। वामन भगवान श्री हरि विष्णु जी के अवतार थे।

कलावा बांधते वक्त इस मंत्र का उच्चारण किया जाता है
आज भी विद्वान लोग कलावा बांधते वक्त इस मंत्र का उच्चारण करते हैं 

 येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
 तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

किस हाथ में कैसे बंधवाएं कलावा

पुरुषों और अविवाहित कन्याओं को
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार पुरुषों और अविवाहित कन्याओं को दाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए। 

विवाहित स्त्रियों को
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार विवाहित स्त्रियों को बाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए। 

कलावा बंधवाते समय इस बात का ध्यान रखें
कलावा बंधवाते समय उस हाथ की मुट्ठी को बंद रखकर दूसरा हाथ सिर पर रखना चाहिए।

 

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