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कल देश मनाएगा 22वां करगिल विजय दिवस, द्रास में राष्ट्रपति भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे

नई दिल्ली: देश कल 22वां करगिल विजय दिवस मनाने जा रहा है. इस मौके पर देश‌ के राष्ट्रपति और सशस्त्र सेनाओं के सुप्रीम कमांडर, राम नाथ कोविंद खुद द्रास स्थित करगिल वॉर मेमोरियल पर वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. कल सुबह 8 बजे करगिल वॉर मेमोरियल पर कार्यक्रम शुरू हो जाएगा. इस बीच रविवार को लद्दाख में कल कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ से पहले द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह किया गया.

कल विजय दिवस के मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत और सेना की उत्तरी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी और लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन मौजूद रहेंगे. कार्यक्रम सुबह 8 बजे शुरू हो जाएगा. इसके बाद 1971 युद्ध की स्वर्णिम विजय मशाल भी द्रास वॉर मेमोरियल पहुंचेगी. इसकी आगवानी खुद वहां मौजूद गणमान्य व्यक्ति और सैन्य कमांडर्स करेंगे.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अपने चार दिवसीय दौरे के क्रम में रविवार को यहां पहुंचे. अधिकारियों ने बताया कि कोविंद सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर यहां श्रीनगर हवाईअड्डे पर पहुंचे और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पुलिस एवं केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया.अधिकारियों ने बताया कि 25 जुलाई से 28 जुलाई तक के इस दौरे में राष्ट्रपति सोमवार को कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ पर कारगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए लद्दाख के द्रास जाएंगे.

इससे पहले 2019 में, खराब मौसम के कारण राष्ट्रपति कारगिल विजय दिवस में हिस्सा लेने के लिए द्रास नहीं जा पाए थे और इसकी जगह उन्होंने यहां बादामी बाग क्षेत्र स्थित सेना की 15वीं कोर के मुख्यालय में युद्ध स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी थी. अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति के दौरे के लिए सुरक्षा इंतजामों के तहत राजभवन (जहां राष्ट्रपति ठहरेंगे) जाने वाले दो मार्गों पर यातायात को रविवार से बुधवार तक के लिए दूसरे मार्गों पर मोड़ दिया गया है. यातायात विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शहर के कुछ इलाकों में मार्ग परिवर्तन किया गया है.

1999 में करगिल की ऊंची चोटियों पर भारत और पाकिस्तान के बीच जंग हुई थी, जिसमें भारत की विजय हुई थी. उस युद्ध की विजय के उपलक्ष्य में हर साल करगिल के द्रास स्थित वॉर मेमोरियल पर करगिल विजय दिवस मनाया जाता है. 1999 में पाकिस्तानी सेना ने भारत की इन चोटियों पर कब्जा कर लिया था. 14 से 18 हजार फीट की उंचाई पर स्थित इन चोटियों से भारतीय सेना ने बेहद ही बहादुरी के साथ पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार भगाया था. इस युद्ध में भारत के 500 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे. ये युद्ध मिलिट्री-हिस्ट्री में एक बेहद ही मुश्किल और जोखिम-भरे युद्ध के तौर पर जाना जाता है.

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