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कारवाँ गुजर गया, फिर दीप जलेगा, चले गये गोपालदास ‘नीरज’

नई दिल्‍ली : जानेमाने साहित्यकार गोपाल दास नीरज (4 जनवरी 1924 ) हिंदी साहित्य के जाने माने कवियों में से थे, उनका दिल्‍ली के एम्‍स में लंबी बीमारी के बाद गुरुवार शाम को निधन हो गया। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिला के गाँव पुरावली में हुआ। उनकी काव्य पुस्तकों में दर्द दिया है, आसावरी, बादलों से सलाम लेता हूँ, गीत जो गाए नहीं, नीरज की पाती, नीरज दोहावली, गीत-अगीत, कारवां गुजर गया, पुष्प पारिजात के, काव्यांजलि, नीरज संचयन, नीरज के संग-कविता के सात रंग, बादर बरस गयो, मुक्तकी, दो गीत, नदी किनारे, लहर पुकारे, प्राण-गीत, फिर दीप जलेगा, तुम्हारे लिये, वंशीवट सूना है और नीरज की गीतिकाएँ शामिल हैं। गोपाल दास नीरज ने कई प्रसिद्ध फ़िल्मों के गीतों की रचना भी की। गोपालदास नीरज के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक जताया।
‘नीरज’ की लोकप्रियता का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि वह जहाँ हिन्दी के माध्यम से साधारण स्तर के पाठक के मन की गहराई में उतरे वहाँ उन्होंने गम्भीर से गम्भीर अध्येताओं के मन को भी गुदगुदा दिया। इसीलिए उनकी अनेक कविताओं के अनुवाद गुजराती, मराठी, बंगाली, पंजाबी, रूसी आदि भाषाओं में हुए हैं। यही कारण है कि ‘भदन्त आनन्द कौसल्यायन’ यदि उन्हें हिन्दी का ‘अश्वघोष’ घोषित करते थे तो रामधारी सिंह दिनकर उन्हें हिन्दी की ‘वीणा’ मानते थे। अन्य भाषा-भाषी यदि उन्हें ‘संत कवि’ की संज्ञा देते थे तो कुछ आलोचक उन्हें निराश मृत्युवादी समझते थे।
नीरज की कालक्रमानुसार प्रकाशित कृतियाँ :-
संघर्ष (1944), अन्तर्ध्वनि (1946), विभावरी (1948), प्राणगीत (1951), दर्द दिया है (1956), बादर बरस गयो (1957), मुक्तकी (1958), दो गीत (1958), नीरज की पाती (1958), गीत भी अगीत भी (1959), आसावरी (1963), नदी किनारे (1963), लहर पुकारे (1963), कारवाँ गुजर गया (1964), फिर दीप जलेगा (1970), तुम्हारे लिये (1972), नीरज की गीतिकाएँ (1987)
पुरस्कार एवं सम्मान
विश्व उर्दू परिषद् पुरस्कार, पद्मश्री सम्मान (1991), भारत सरकार, यश भारती एवं एक लाख रुपये का पुरस्कार (1994), उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ, पद्म भूषण सम्मान (2007), भारत सरकार, फिल्म फेयर पुरस्कार
नीरज को फ़िल्म जगत में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिये उन्नीस सौ सत्तर के दशक में लगातार तीन बार यह पुरस्कार दिया गया। उनके द्वारा लिखे गये पुरस्‍कृत गीत हैं-
1970: काल का पहिया घूमे रे भइया ! (फ़िल्म: चन्दा और बिजली)
1971: बस यही अपराध मैं हर बार करता हूँ (फ़िल्म: पहचान)
1972: ए भाई ! ज़रा देख के चलो (फ़िल्म: मेरा नाम जोकर)

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