केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने राज्य सरकारों द्वारा किसानों की कर्जमाफी पर कड़ा रुख अपनाया है। वैंकेया नायडू ने कहा कि राज्य सरकारों द्वारा किसानों की कर्जमाफी आजकल फैशन बनता जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि किसानों की कर्जमाफी समस्या का स्थाई समाधान नहीं है। सरकारों को किसानों की समस्या का स्थाई समाधान करने के लिए कदम उठाने होंगे।
ये भी पढ़ें: राजीव गाँधी के हत्यारे ने मांगी इच्छा मृत्यु
वैंकेया नायडू का ये बयान उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और पंजाब सरकारों द्वारा कर्जमाफी के फैसलों पर आया है। उन्होंने कहा कि किसानों की कर्जमाफी एकदम आखिरी उपाय है, उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए। पर ये आजकल फैशन बन गया है। राज्य सरकारों को किसानों की बेहतरी के लिए बड़े फैसले लेने होंगे, ताकि उनकी समस्याओं का स्थाई समाधान खोजा जा सके। हालांकि बाद में नायडू ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से लिया गया है। मैंने राजनीतिक पार्टियों द्वारा कर्जमाफी को मुद्दा बनाए जाने को फैशन के तौर पर कहा था। कर्जमाफी एक्स्ट्रीम कंडीशन में गलत नहीं है, पर ये स्थाई समाधान नहीं है।
ये भी पढ़ें: योग दिवस पर आतंक का साया, PM मोदी की यात्रा को लेकर लखनऊ में हाई अलर्ट
कर्नाटक सरकार ने बुधवार को किसानों के लिए 50 -50 हजार की कर्जमाफी का ऐलान किया है। इससे खजाने पर 8165 करोड़ का भार पड़ रहा है। पंजाब सरकार ने 10.25 लाख किसानों की कर्जमाफी से 24000 करोड़ का भार पड़ रहा है।
बता दें कि विधानसभा चुनाव 2017 के बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए कर्जमाफी का ऐलान किया था। वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने भी किसानों की कर्जमाफी का ऐलान किया है।