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गणतंत्र दिवस 2019: राजपथ पर दिखी भारत की विविधता

70वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सैन्य ताकतों की एक झलक देशवासियों सहित दुनिया ने देखी। इस साल गणतंत्र दिवस की थीम महात्मा गांधी पर आधारित थी क्योंकि इसी साल महात्मा गांधी की 150वीं जयंती भी है। भारतीय सेना ने जहां अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया वहीं नारी शक्ति ने भी अपने अदम्य साहस का परिचय दिया। परेड की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमर जवान ज्योति जाकर देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी। राजपथ पर पीएम ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिव रामफोसा का स्वागत किया। राष्ट्रपति कोविंद ने तिरंगा फहराया। इसके बाद राष्ट्रगान हुआ और फील्ड रेजीमेंट ने 21 तोपों की सलामी दी।

गणतंत्र दिवस 2019: राजपथ पर दिखी भारत की विविधता

1. आसाम राइफल्स की झांकी: इतिहास में पहली बार आसाम राइफल्स ने गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया। राइफल की झांकी में महिला शक्ति को दिखाया गया। महिलाओं के दस्ते ने आसाम राइफल के सिपाही, देश की हमने शान बढ़ाई की धुन पर मार्च किया। इस दस्ते का नेतृत्व मेजर खुशबू कंवर ने किया।

2. सीआईएसएफ की झांकी: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) जो राष्ट्र की सेवा में समर्पित 50 साल भी मना रहा है उसने 11 सालों के अंतराल के बाद परेड में हिस्सा लिया। उसकी झांकी में उसके विविध कामकाजों और सुरक्षाबल में महिलाओं की भूमिका को दिखाया गया। सभी पैरामिलिट्री फोर्स के मुकाबले सीआईएसएफ में सबसे ज्यादा (6 प्रतिशत) महिलाएं हैं।

3. आईएनए के सिपाही: पहली बार गणतंत्र दिवस पर भारतीय राष्ट्रीय सेनी (आईएनए) के सिपाहियों ने हिस्सा लिया। सभी सिपाहियों ने वयोवृद्ध सिपाही: राष्ट्र के विकास में उत्प्रेरक की धुन पर मार्च किया। परेड में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे सभी सिपाहियों की उम्र 90 साल से ज्यादा थी।

4. राज्यों की झांकी: गणतंत्र दिवस के मौके पर सिक्किम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गोवा, पंजाब, तमिलनाडु, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा की झांकियां राजपथ पर दिखाई दीं। सभी की थीम महात्मा गांधी थी। अंडमान की झांकी में सेल्युलर जेल दिखाई गई जहां महात्मा गांधी को कैद करके रखा गया था।

5. भारत ने गणतंत्र दिवस पर अपनी सेन्य शक्ति का प्रदर्शन किया। परेड में टी-90 टैंक, बालवे मशीन पीकेट (बीएमपी-II/IIके), सर्फेस माइन क्लियरिंग सिस्टम, 155 मिलिमीटर/ 52 कैलिबर ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड गन (के9 वज्र), ट्रांसपोर्टेबल सैटेलाइट टर्मिनल, ट्रूप लेवल रडार और आकाश वेपन सिस्टम को परेड में प्रदर्शित किया गया।

6. हवाई फ्लाईपास्ट का इंतजार सभी दर्शकों को बड़ी ही बेसब्री से होता है। इसकी शुरुआत रुद्र फॉरमेशन से हुई जिसमें तीन एएलएच एमके आईवी डब्ल्यूएसआई हेलिकॉप्टर, सुखोई और मिग लड़ाकू विमान शामिल थे। परेड में एएन-32 विमान ने विक फॉर्मेशन बनाया। जिसका नेतृत्व करने वाले विमान में पारंपरिक और बायो ईंधन के मिश्रण का इस्तेमाल किया गया था।

7. भारतीय रेलवे की झांकी: भारतीय रेलवे की झांकी के दो हिस्सों में मोहनदास करमचंद गांधी से महात्मा गांधी बनने के सफर को दिखाया गया था। एक हिस्से में जहां दक्षिण अफ्रीका में उनके साथ हुए भेदभाव को दिखाया गया था। वहीं दूसरे हिस्से में उन्हें हरिजन फंड के लिए पैसे लेते हुए दिखाया गया।

8. द डेयरडेविल्स: 33 लोगों ने 9 मोटरसाइकिल पर ह्यूमन पिरामिड बनाया। इसका नेतृत्व सूबेदार मेजर रमेश ने किया। इस आइकोनिक टीम में जिसने अपना ध्यान खींचा वो थी अकेली महिला अधिकारी जिसने बाइक पर स्टंट दिखाया।

9. परेड में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित 26 बच्चे पहुंचे। सभी बच्चे खुली जीप में सवार थे और उन्होंने गणमान्य व्यक्तियों का अभिवादन किया।

10. शंखनाद: इस साल परेड में पहली बार मिलिट्री धुन शंखनाद को बजाया गया। यह धुन महर रेजीमेंट के वयोवृद्ध सिपाही द्वारा लिखी गई कविता पर आधारित है।

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