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चाहिए सुकून के दो पल तो बनाएं दुनिया के सबसे नायब बागानों में जाने का प्लान

सुबह की शुरुआत चाय की चुस्कियों के साथ हो तो दिन बन ही जाता है. ज्यादातर लोगों को सुबह उठते ही चाय पीने की आदत होती है. देखा जाए तो ये आदत कहीं न कहीं फायदेमंद भी होती है. दरअसल चाय में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो इंसान में उत्तेजना का प्रसार करते हैं. साथ ही ताजगी का अहसास भी कराते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन्ही चाय के बागानों में यदि घूमने का मौक़ा मिले तो ताजगी का अहसास दो गुना हो जाता है. सुकून ऐसा कि एक बार यहाँ आने के बाद अआप्का जाने का मन भी न करेगा. तो आइए चलते हैं ऐसे कुछ ताजगी से भरे चाय के बागानों की सैर पर…

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चाहिए सुकून के दो पल तो बनाएं दुनिया के सबसे नायब बागानों में जाने का प्लान

नलिन काउंटी ताइवान के झांग हू गांव के चाय बागान में फैली हरियाली. यह गांव चाय और कॉफी के उत्पादन के लिए जाना जाता है.

चीन के हुबेई प्रांत में हरे-भरे चाय बागान से स्प्रिंग चाय पत्तियों को तोड़ती महिलाएं.

चीन के यान सिचुआन प्लान्टेशन में कियांग एथनिक मायनोरिटी की चाय की पत्तियां तोड़ते हुए.

रवांडा की राजधानी किगाली के मुलिंदी टी इस्टेट में पत्तियां तोड़ने की प्रक्रिया चल रही है

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 त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के दुर्गाबाड़ी चाय बागान भी देखने लायक जगह है.

. चीन के अनहुई प्रांत के श्यूनिंग काउंटी में कर्मचारी गुलदाउदी के फूल तोड़ते हुए. गुलदाउदी के फूलों से डोमेस्टिक और इंटरनेशनल मार्केट के लिए चाय और दूसरे पेय पदार्थ बनते हैं.

केरल के मुन्नार के टी गार्डन्स में हर साल विश्व भर से लाखों पर्यटक आते हैं.

बोजूंग टी गार्डन साउथ कोरिया के सियोल से लगभग 397 किमी दूर स्थित है

 

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