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जानिए कैसा होता है ‘सेक्स की चाह’ के बिना जीवन

एजेंसी/ life-without-sex_1462263768सोफ़ी और जॉर्ज जवान हैं, एक-दूसरे को प्यार करते हैं और एसेक्सुअल हैं। एसेक्सुअल का अर्थ है ऐसा व्यक्ति, जिसे यौन आकर्षण होता ही न हो। लेकिन जिस्मानी खिंचाव के बिना डेटिंग करने की अपनी जटिलताएं हैं। सोफ़ी जोर्गेनसन-राइडआउट जॉर्ज नॉर्मन की पिछले पांच महीने से दोस्त हैं। उन्होंने एक साथ ‘हाउ टू ट्रेन यॉर ड्रैगन’ नाम की फ़िल्म देखी थी और फिर यह सिलसिला बढ़ चला।
जॉर्ज कहते हैं, “हमने एक-दूसरे को चूमा। मैं समझता हूं कि बाक़ी लोगों को ऐसा करने का अर्थ अक्सर कुछ और ही होता है।” 21 साल का स्नातक छात्र ब्रिटेन के अनुमानित एक प्रतिशत एसेक्सुअल लोगों में से है।
यॉर्क विश्वविद्यालय के पहले साल में ही जॉर्ज अपने एसेक्सुअल होने की बात सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने की हिम्मत जुटा पाए। वह कहते हैं, “इससे दूसरे एसेक्सुअल लोगों को हमेशा अच्छा लगता है लेकिन अपने बचपन के ज़्यादातर समय मैं यही सोचता रहा कि दूसरे सब लोग मेरे जैसे ही हैं। मुझे लगता था कि वह इसे मुझसे बेहतर ढंग से छुपा पा रहे हैं।” ब्रह्मचर्य की तरह एसेक्सुलिटी कोई चुनाव का मामला नहीं है। जॉर्ज को कभी कोई यौन आकर्षण नहीं हुआ लेकिन ज़्यादातर एसेक्सुअल लोगों की तरह उनका लंबे समय से एक प्रेम संबंध है।

सोफ़ी और जॉर्ज का पहला चुंबन एक आश्चर्य जैसा था। सोफ़ी कहती हैं, “मुझे पूरा यक़ीन था कि जॉर्ज एक होमोरोमांटिक है। लेकिन उससे पता चला कि रूमानियत कैसे पानी की तरह कोई भी शक्ल ले सकती है।” होमोरोमांटिक वह व्यक्ति होता है जिसकी अपने ही लिंग के व्यक्ति के लिए रूमानी भावनाएं होती हैं। सोफ़ी बताती हैं, “मुझे नहीं लगता कि प्रेम और सेक्स कहीं से भी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इस विचार से कि उन्हें आपस में जुड़ा हुआ होना ही चाहिए, मुझे बड़ी उलझन होती है। मुझे लगता है कि सेक्सुलिटी द्रव की तरह और विविधतापूर्ण है और इसी तरह रूमानियत भी। इसलिए यह असंभव है कि आप किसी खांचे में फ़िट हो पाएं।” सोफ़ी ख़ुद को ‘ग्रे-सेक्सुअल’ या ‘ग्रे-एस’ के रूप में पहचाना जाना पसंद करती हैं। वह कहती हैं कि उन्हें यह शब्द बड़ी संख्या में टंबलर, ब्लॉगों और एसेक्सुअल विज़िबिलिटी के ऑनलाइन फ़ोरमों और एजुकेशन नेटवर्क- जो एसेक्सुअलों का मुख्य ऑनलाइन अड्डा है, में भटकते हुए मिला। ग्रे सेक्सुअल शब्द की कोई तय परिभाषा नहीं है लेकिन आमतौर पर इससे अर्थ उस व्यक्ति से लगाया जाता है जो ख़ुद को सेक्सुअल और पूरी तरह एसेक्सुअल के बीच कहीं पाता है।

सोफ़ी के लिए इसका अर्थ यह है कि बहुत विरले ही लेकिन उन्हें यौन आकर्षण महसूस हुआ है, “यह आता है और चला जाता है। कई बार यह बना रहता है लेकिन मैं इसे अनदेखा कर सकती हूं, झटककर अपने रोज़मर्रा के काम कर सकती हूं।” एसेक्सुअल लोगों में भारी विविधता को अक्सर ग़लत समझ लिया जाता है। इस समुदाय के लोगों से अक्सर ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जो उन्हें समझ ही नहीं आते या उन पर बेवजह ही सामान्य भावनाएं लाद दी जाती हैं। एवी ब्रिल पाफ़ार्ड ख़ुद को डेमिसेक्सुअल कहती हैं और उनके तीन लोगों के साथ संबंध हैं। वह कहती हैं, “इसे लेकर अब भी बहुत सारी ग़लत धारणाएं और कलंक का भाव है।” “एसेक्सुअल का मतलब सिर्फ़ यौन आकर्षण का अभाव है। इसका मतलब किसी और चीज़ की कमी नहीं होता। इसके कई अर्थ निकाले जा सकते हैं।”

डेमिसेक्सुअल उन लोगों को कहा जाता है जिन्हें यौन आकर्षण तब ही महसूस होता है जब उनका नज़दीकी भावनात्मक संबंध बन जाता है। एवी को तब तक कोई यौनाकर्षण महसूस नहीं होता जब तक कि मज़बूत रूमानी संबंध न हो। “आप किसी व्यक्ति से मिलें और उसके प्रति यौन आकर्षण महसूस करने लगें ऐसी चीज़ है जो बहुत से लोग महसूस करते हैं और यह ठीक भी है, लेकिन मुझे यह महसूस नहीं होता।”

एवी लोगों को यह बताने से पहले की वह एक डेमिसेक्सुअल हैं यह बताती रहती हैं कि उनके कई लोगों से संबंध हैं- वह एक पॉलीमोरोस (जिसके कई व्यक्तिओं से अंतरंग संबंध हैं) हैं। “मुझे लगता है कि पॉली समुदाय के बारे में बहुत सारी ग़लत धारणाएं हैं। क्योंकि लोग सोचते हैं इसका मतलब यह हुआ कि इधर-उधर झूलते हुए सबके साथ सेक्स करना। लेकिन मेरे लिए इसका अर्थ यह है कि मैं बहुत से लोगों को प्यार करती हूं।” यह तस्वीर एसेक्सुलिटी की आम धारणा के साथ मेल नहीं खाती। शोध बताते हैं कि दूसरे यौन आकर्षण वाले लोगों के मुक़ाबले एसेक्सुअल लोगों को ज़्यादा नकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जाता है। जिन समूहों का अध्ययन किया गया उनमें से इन्हीं को सबसे ज़्यादा ग़ैरमानवीय ढंग से आंका गया। इन्हें एक साथ ‘मशीन-जैसा’ और जानवरों जैसा दोनों माना गया। निक ब्लेक एसेक्सुअल नहीं हैं। उनका दो साल से लिज़ विलियम्स के साथ संबंध है जो ख़ुद को डेमिसेक्सुअल कहती हैं।

वे कहते हैं, “यह सांस पर बात करने जैसा है। इससे आप अपनी सांस को लेकर भी बहुत सतर्क हो जाते हैं और आपको लगने लगता है कि यह अजीब और तकलीफ़देह है।” “मुझे लगता है कि इसी वजह से भ्रम और नकारे जाने का भाव आता है।” कुछ लोग इस बात को कतई नहीं मानते है कि एक ‘सेक्सुअल’ व्यक्ति किसी एसेक्सुअल व्यक्ति के साथ संबध में ख़ुश रह सकता है। लिज़ कहती हैं कि ऐसी बात करने वाले यह भूल जाते हैं कि हर तरह के संबंधों में कुछ न कुछ समझौता करना पड़ता है। ऐसा एसेक्सुअल समुदाय में भी होता है क्योंकि इसमें सेक्स को लेकर कई तरह के नज़रिए हैं। कुछ एसेक्सुअल इस विचार का ही विरोध करते हैं, जबकि कुछ इस पर ध्यान ही नहीं देते और कुछ सेक्स करते हैं- अक्सर अपने साथी के लिए। लिज़ कहती हैं, “यह वैसे ही मामले हैं जैसे कि किसी अन्य संबंध में होते हैं। क्योंकि आपको कभी पता नहीं होता कि कोई क्या चाहता है और सेक्स करने से पहले आप बात कर लें तो ठीक रहेगा।” “मुझे लगता है कि ऐसा हर संबंध में होता है, अगर आप बातचीत नहीं करते हैं तो यह चलने वाला नहीं है।”

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निक के लिए लिज़ की एसेक्सुलिटी कभी कोई मुद्दा नहीं रही, “मुझे लगता है कि अगर संबंध सचमुच संतोषप्रद हैं तो इस बात से फ़र्क़ नहीं पड़ता कि इसमें सेक्स शामिल है या नहीं। दो साल बाद मुझे लगता है कि जैसे मेरा कोई दोष नहीं है। अगर एक बार आप पुराने तय ढंग से देखना बंद कर दें तो ज़िंदगी कई गुना ज़्यादा मज़ेदार बन जाती है।”

 
 
 

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