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जानिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के बारे में वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश में होने वाली इंजीनियरिंग प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एक नई एजेंसी की घोषणा की है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी अगले सत्र से देश में जेईई, नीट और नेट परीक्षाएं आयोजित करेगी।
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी दी। यही नहीं जावड़ेकर ने जानकारी दी कि परीक्षा के समय में भी बदलाव किया गया है। अब जेईई मेंस और नीट की परीक्षाएं अगले साल से दो बार होंगी, जिसमें ज्यादा नंबर होंगे उसी के आधार पर होगा एडमिशन।

जानिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के बारे में वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैंसाल में दो बार जेईई और नीट से होगा लाभ

इससे सबसे बड़ा फायदा होगा छात्रों को अधिक मौके मिलना। 12वीं के बाद छात्र 6 बार जेईई मेन दे पाएंगे। जो कि अभी तक 3 बार ही दे पाते थे। इसके अलावा नीट देने के मौके भी बढ़ेंगे। साथ ही उम्र सीमा 25 साल होगी। दो बार परीक्षा देने से छात्रों की तैयारी भी बेहतर ढंग से हो पाएगी। जनवरी-फरवरी में उनकी परफॉर्मेंस का पता लगाया जाएगा। वहीं दूसरे एग्जाम में तीन महीने का वक्त मिलेगा। यदि कोई परीक्षा नहीं देगा तो भी उसका पूरा साल खराब नहीं होगा।

परीक्षा के पैटर्न में नहीं होगा कोई बदलाव

इसमें भी कोई बदलाव नहीं होगा। दोनों में से जिसमें भी अधिक नंबर होंगे उसे ही माना जाएगा। इसके अलावा भाषा विकल्प और फीस पहले की तरह ही रहेंगे।
ऑनलाइन परीक्षा में परेशानी का सवाल

एनटीए के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी ऑनलाइन परीक्षा करवाना। इसी साल पहली बार जेईई-एडवांस ऑनलाइन हुआ था। जिसके बाद न्यूमेरिकल वेल्यू वाले प्रश्नों पर सवाल खड़े होने लगे थे। इसी मुद्दे पर मद्रास हाई कोर्ट ने भी कॉमन काउंसलिंग पर रोक लगाई थी। वहीं गांव और देहात के बच्चों के लिए भी ऑनलाइन परीक्षा देना सहज नहीं था।

पेपर लीक होने पर भी उठते हैं सवाल

बीते कुछ समय से पेपर लीक जैसी घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। एसएससी में भी पेपर लीकर हुआ था जिसके बाद काफी विरोध प्रदर्शन हुआ। अब कहा जा रहा है कि कहीं इसमें भी तो पेपर लीक जैसी घटनाए नहीं होंगी। लेकिन अगर एसससी एग्जाम की बात करें तो उसे लेने वाली एजेंसी और सेंटर बनाने की प्रक्रिया में लापरवाही बरती गई थी।

इसके अलावा एसबीआई और आईबीपीएस की परीक्षा भी ऑनलाइन ही होती हैं। इनमें ना तो पेपर लीक होने जैसी कोई शिकायत आई है और ना ही नकल की। तो इन परीक्षाओं में भी पेपर लीक जैसे मामलों की गुंजाइश काफी कम बताई जा रही है।
जानिए परीक्षाओं का समय

जेईई मेन की परीक्षा जनवरी और अप्रैल में आयोजित होगी। जनवरी परीक्षा के लिए छात्र एक सितंबर से 30 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन भेज सकते हैं। जबकि परीक्षा 6 जनवरी से 20 जनवरी तक आयोजित होगी।

परीक्षा आठ सीटिंग में होगी यानी चार से पांच दिन तक चलेगी। इसमें छात्रों को अपनी सुविधा के अनुसार परीक्षा का दिन चुनने का अधिकार मिलेगा। जबकि रिजल्ट फरवरी के पहले हफ्ते में जारी होगा।

जेईई मेन की दूसरी बार अप्रैल में आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए छात्र फरवरी के दूसरे हफ्ते में ऑनलाइन आवदेन भेज सकते हैं। परीक्षा सात अप्रैल से 21 अप्रैल तक चलेगी। परीक्षा आठ सीटिंग में होगी यानी चार से पांच दिन तक चलेगी। इसमें छात्र अपनी सुविधा के अनुसार परीक्षा का दिन चुन सकेगा। जबकि रिजल्ट मई के पहले हफ्ते में आएगा।

नीट (यूजी) की फरवरी में परीक्षा आयोजित होगी, जिसके लिए एक से 31 अक्तूबर तक ऑनलाइन आवेदन भेज सकते हैं। जबकि परीक्षा तीन फरवरी से 17 फरवरी तक आयोजित होगी। परीक्षा आठ सीटिंग में होगी यानी चार से पांच दिन तक चलेगी। इसमें छात्र अपनी सुविधा के अनुसार परीक्षा काच दिन चुन सकेगा। जबकि रिजल्ट मार्च के पहले हफ्ते में जारी होगा।

नीट (यूजी) की मई में दूसरी बार आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए छात्रों को मार्च के दूसरे महीने में आवेदन पत्र भरना पड़ेगा। परीक्षा 12 मई से 26 मई तक आयोजित होगी। परीक्षा आठ सीटिंग में होगी यानी चार से पांच दिन तक चलेगी। इसमें छात्र अपनी सुविधा के अनुसार परीक्षा का दिन चुन सकेगा। जबकि रिजल्ट जून के पहले हफ्ते में जारी होगा।

एनटीए परीक्षा आयोजन के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण सुधार है। एनटीए की स्थापना का मूल उद्देश्य गड़बड़ियों पर लगाम लगाना और परीक्षाओं में पारदर्शिता बरकरार रख उनकी गुणवत्ता बनाए रखना है।

इस तरह की एक एजेंसी की मांग काफी पहले से की जा रही थी। दरअसल सीबीएसई का कहना था कि प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने में उसके बहुत संसाधन इस्तेमाल होते हैं जिससे उनपर बोझ बढ़ता है। बीते साल उसने नेट परीक्षा कराने से हाथ खड़े कर दिए थे। संसाधनों के अताह इस्तेमाल का हवाला देते हुए सीबीएसई ने कहा था कि इससे उनका मूल काम प्रभावित होता है।

2017-18 का बजट पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के गठन की घोषणा की थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले नवंबर में एनटीए के गठन की मंजूरी दे दी थी। एनटीए को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर संस्था बनाया गया है, जिसके लिए सरकार ने 25 करोड़ रुपए का अनुदान भी दिया है।

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