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टैक्स हैवन : जानें इसके मायने और इसके तहत माने जाने वाले देशों के बारे में

panama-leaks_650x400_61459765152एजेन्सी/ नई दिल्ली: इंटरनेशनल कन्सॉर्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने पनामा पेपर्स के नाम से ख़ुलासा किया है। पनामा की लॉ फर्म मोसेक फोंसेका ने क़रीब 1 करोड़ 10 लाख दस्तावेज़ों का ख़ुलासा किया है। इसमें बताया गया है कि दुनिया के 72 मौजूदा या पूर्व राष्ट्र प्रमुखों ने फर्ज़ी कंपनी बनाकर पैसा रखा। इस लीक में जो दस्तावेज सामने आए हैं, उनमें 500 भारतीयों के नाम भी शामिल हैं। दस्तावेजों में जिनके नाम आए हैं, उनके अपने देश से छुपाकर टैक्स हैवेन देशों में पैसा रखने की बात कही गई है ताकि वे तमाम तरह के टैक्स से अपना पैसा बचा सकें। किसी देश के बैंकिग सिस्टम और टैक्स प्रणाली से बचाने के लिए कारोबारी या वैयक्तिक रूप से धन को टैक्स हैवन देशों में रखा जाता है।

किन देशों को कहा जाता है टैक्स हैवन…
टैक्स हैवन उस देश को कहा जाता है जो राजनीतिक और आर्थिक रूप से स्थिर माहौल में विदेशी व्यक्तियों या कारोबारों को बहुत कम या फिर एकदम न के बराबर की टैक्स लायबिलिटी प्रदान करता है। ऐसे देशों में इनकम पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगता। टैक्स हैवन देशों में टैक्स संबंधी इन लाभों को उठाने के लिए कारोबारी का उसी देश में रहना कोई जरूरी शर्त नहीं होती, न ही बिजनेस को उसी देश में ऑपरेट करना जरूरी माना जाता है। आप किसी और देश में रहते हुए, किसी और देश में कारोबार करते हुए भी यहां के बैंकों में पैसा रख सकते हैं और उस पर आपकी कोई टैक्स लायबिलिटी नहीं बनेगी।

पनामा को क्यों कहा जाता है टैक्स हैवन देश?
पनामा की बात करें तो इसे इसलिए भी टैक्स हैवन कहा जाता है क्योंकि यहां के टैक्स सिस्टम के तहत आने वाले टैरेट्रियल सिस्टम के मुताबिक, रेसिंडेंट और नॉन रेसिडेंट कंपनियों से तभी टैक्स वसूला जाता है, जब इनकम देश में ही जेनरेट हुई हो। वैसे यहां कॉर्पोरेशन टैक्स सिस्टम भी है। वैसे फॉरेन इन्वेस्टमेंट पर पनामा में कोई टैक्स नहीं लगता।

किसे कहते हैं ऑफशोर कंपनियां?…
वे कंपनियां जो किसी तरह के कर संबंधी, वित्त संबंधी या कानूनी फायदे के लिए टैक्स हैवन देशों में गुप्त रूप से शुरू की जाती हैं, उन्हें ऑफशोर कंपनी कहा जाता है। ये कंपनियां कॉर्पोरेट टैक्स, इनकम टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स जैसे कई प्रकार के टैक्स से बच जाती हैं। अगर पनामा की ही बात करें तो यहां 3,50,000 से ज्यादा सीक्रिट इंटरनैशनल बिजनेस कंपनियां रजिस्टर्ड बताई जाती हैं।

ये देश कहे जाते हैं टैक्स हैवन…
स्विटजरलैंड, हॉन्गकॉन्ग, मॉरीशस, मोनाको, पनामा, अंडोरा, बहामास, बरमूडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स,  बेलीज, कैमेन आइलैंड, चनाल आइलैंड, कुक आइलैंड, लिश्तेनश्टाइन जैसे देश टैक्स हैवन देशों की सूची में आते हैं।

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