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दिल्ली जल्द आएगे अफ्रीका के 41 राष्ट्रप्रमुख

दस्तक टाइम्स/एजेंसी-
download (1)नई दिल्ली: राष्ट्रपति सिसी 29-30 अक्तूबर को उन 41 राष्ट्राध्यक्षों के साथ दिल्ली में होंगे जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी के विशाल शो के गवाह होंगे। हां, ताजा खबर अनुसार अफ्रीका के 41 राष्ट्रप्रमुखों ने दिल्ली आने का कार्यक्रम बना लिया है। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जुमा, नाईजीरिया के बुहारी, जिब्बावे के मुगाबे और मिस्र के सिसी का दिल्ली आना बहुत बड़ी बात है। अफ्रीका के 54 देशों में से 52 देशों की उपस्थिति भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन में होगी। कहते है चीन ने 2006 में जब ऐसा किया था तब 48 देश और 40 नेताओं की बीजिंग में उपस्थिति थी। 2014 में अमेरिका ने 50 देशों और 2013 में जापान ने 49 देशों के नेताओं की मेजबानी की। उस नाते 26 से 29 अक्तूबर के बीच दिल्ली में अफ्रीकी नेताओं की जो जंबूरी लगेगी वह अभूतपूर्व होगी। 26 अक्टूबर को आला अधिकारियों का जमावड़ा होगा।27 अक्टूबर को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समवर्ती विदेश मंत्रियों, अधिकारियों को भोज देगी। 29 अक्टूबर को राष्ट्रप्रमुखों का शिखर सम्मेलन होगा। 30 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रप्रमुखों से द्वीपक्षीय रिश्तों पर बात करेंगे। कोई एक हजार प्रतिनिधि भारत आएंगे। दुबई और सिंगापुर के प्रतिनिधि विशेष आमंत्रित के नाते उपस्थित रहेंगे। जाहिर है इंदिरा गांधी के वक्त राष्ट्रमंडलीय सम्मेलन से बड़ा यह मोदी का शो होगा। अफ्रिकी देशों को भारत से राजनैतिक, कारोबारी, सांस्कृतिक आधारों पर जोड़ने की यह सबसे बड़ी कवायद होगी। एक बात और जान ली जाए। इतने नेताओं की मेजबानी के बाद नरेंद्र मोदी धड़ाधड़ एक के बाद एक विदेश दौरे भी करने वाले हैं। जैसा आपने पहले लिखा, वे दीपावली लंदन में मनाएगें। ब्रिटेन की उनकी तीन दिन की यात्रा है। लंदन के वेम्बली स्टेडियम में कोई 80-90 हजार प्रवासी भारतीयों के शो को वे संबोधित करेंगे। एक-दो और शहरों में जा सकते हैं। प्रधानमंत्री केमरॉन से उनकी प्रभावी मुलाकात होनी है। लंदन से प्रधानमंत्री मोदी तुर्की जाएंगे। 15-16 नवंबर को एंताल्या में जी -20 समूह के नेताओं की शिखर बैठक में शामिल होंगे। फिर पांच दिन बाद नरेंद्र मोदी मलेशिया जाएंगे। 21-22 नवंबर को कुआलालंपुर में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन का उनका यह पड़ाव भी कई कारणों से महत्वपूर्ण होगा। वही से वे दुबारा सिंगापुर जा सकते हैं। उसके बाद फ्रांस की उनकी यात्रा है। 30 नवंबर को वे पेरिस में जलवायु की सीओपी कांफ्रेस में शरीक होंगे। दिसंबर-जनवरी में रूस के पुतिन और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे से उनकी बातचीत है। एबे दिसंबर में भारत आ रहे है। दिशंबर में प्रधानमंत्री की रूस यात्रा मुमकिन है। और ध्यान रहे यह वैश्विक भागदौड़, एजेंडा उस वक्त है जब दिल्ली में संसद चल रही होगी।

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