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धरना ख़त्म कर बोली ममता बनर्जी, कहा- लोकतंत्र की हुई जीत

सीबीआई के मुद्दे पर रविवार से धरने पर बैठीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने धरना खत्म कर दिया है। इसे लेकर केंद्र सरकार और ममता सरकार में पिछले तीन दिन से घमासान मचा हुआ था। भाजपा और टीएमसी दोनों तरफ से बयानों का तूफान उठा हुआ था। ममता ने आज पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए धरना खत्म करने का एलान किया। इस दौरान मंच पर आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू भी मौजूद थे।

ममता ने कहा, यह संविधान और लोकतंत्र की जीत है, इसलिए अब धरना खत्म किया जाता है। वे (केंद्र सरकार) सभी एजेंसियों और राज्य एजेंसियों को कंट्रोल करना चाहते हैं। पीएम आप दिल्ली से इस्तीफा दीजिए और गुजरात वापस जाइए। वहां एक आदमी की सरकार, एक पार्टी की सरकार है।

धरने को तीसरे दिन खत्म करते हुए बनर्जी ने कहा कि वह ऐसा विपक्षी की अहम पार्टियों के नेताओं के साथ सलाह-मशविरे और अदालत से अनुकूल आदेश आने के बाद कर रही हैं। वह रविवार रात से एस्प्लेनेड इलाके के मेट्रो चैनल में धरने पर बैठी थीं। यह वही स्थान पर है जहां उन्होंने 2006 में सिंगुर में टाटा मोटर्स के लिए किसानों की भूमि अधिग्रहण के खिलाफ 26 दिन का अनशन किया था।

तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू, द्रमुक की कनिमोझी और राजद के तेजस्वी यादव जैसे विपक्षी नेताओं ने धरना स्थल का दौरा किया था। सुप्रीम ने आज दिन में कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को निर्देश दिया कि वह सीबीआई के समक्ष पेश हों और शारदा चिट फंड घोटाले से संबंधित मामलों की जांच में सहयोग दें। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।

सीबीआई दफ्तर के बाहर रविवार को धरने में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार भी शामिल थे। ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा। सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राजीव कुमार को पेश होने को कहा था।

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