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धोनी-भुवनेश्वर ने बचाई टीम इंडिया की लाज, श्रीलंका को 3 विकेट हराया

पाल्लेकेले : भुवनेश्वर कुमार (नाबाद 53) और महेंद्र सिंह धौनी (नाबाद 45) के बीच आठवें विकेट के लिए बेहद अहम साझेदारी के दम पर भारत ने श्रीलंका को गुरुवार (24 अगस्त) को पल्लेकेले स्टेडियम में खेले गए दूसरे वनडे मैच में तीन विकेट से हरा दिया. इसी के साथ पांच वनडे मैचों की सीरीज में भारत ने 2-0 की बढ़त ले ली है. श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पूरे 50 ओवर खेलने के बाद आठ विकेट के नुकसान पर 236 रन बनाए थे, लेकिन बारिश के कारण भारत को आखिर में डकवर्थ लुईस पद्वति से 47 ओवरों में 231 रन बनाने का मौका मिला. रोहित शर्मा (54) और शिखर धवन (49) ने पहले विकेट के लिये 109 रन जोड़े लेकिन इसके बाद भारत ने 12 रन के अंदर छह विकेट गंवा दिये. भारत का स्कोर एक समय सात विकेट पर 131 रन था, लेकिन पूर्व कप्तान धोनी (नाबाद 45) और भुवनेश्वर (नाबाद 53) ने यहीं से आठवें विकेट के लिये 100 रन की अटूट साझेदारी की. भारत ने आखिर में 44.2 ओवर में सात विकेट पर 231 रन बनाकर पांच मैचों की श्रृंखला में 2-0 से बढ़त हासिल की.धोनी-भुवनेश्वर ने बचाई टीम इंडिया की लाज, श्रीलंका को 3 विकेट हरायाइससे पहले श्रीलंका ने मिलिंदा श्रीवर्दने (58) ती अधर्शतकीय पारी और उनकी चमारा कपुगेदरा के साथ छठे विकेट के लिए 91 रनों की साझेदारी के दम पर 236 रनों का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया था. श्रीलंका एक समय 121 रनों पर ही अपने पांच विकेट खो चुकी थी, लेकिन श्रीवर्दने और कपुगेदरा ने उसे जल्दी ऑल आउट होने से बचाया और सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने में मदद की. भारत के लिए जसप्रीत बुमराह ने सर्वाधिक चार विकेट लिए. युजवेंद्र चहल को दो विकेट मिले. हार्दिक पांड्या और अक्षर पटेल को एक-एक विकेट मिला.

तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला के सभी मैच और पहला वनडे गंवाने वाला श्रीलंका धनंजय (54 रन देकर छह विकेट) की करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी से पहली बार जीत के करीब दिख रहा था, लेकिन भुवनेश्वर और धोनी ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इन दोनों ने आठवें विकेट के लिये साझेदारी का नया भारतीय रिकॉर्ड भी बनाया. इससे पहले का रिकॉर्ड हरभजन सिंह और प्रवीण कुमार के नाम पर था जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2009 में वड़ोदरा में 84 रन जोड़े थे. धोनी ने इस पारी से अपने आलोचकों को भी करारा जवाब दिया. उन्होंने 68 गेंद खेली तथा एक चौका लगाया. भुवनेश्वर ने अपने वनडे करियर का पहला अर्धशतक जमाया. उनकी 80 गेंद की पारी में चार चौके और एक छक्का शामिल है.

भारत की बल्लेबाजी

भारत ने जोरदार शुरुआत की थी. पिछले मैच में दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट होने वाले रोहित इस मैच में भरपायी करने के मूड में दिख रहे थे. लसित मलिंगा और दुष्मंता चमीरा पर जमाये गये उनके छक्के दर्शनीय थे. बेहतरीन फार्म में चल रहे धवन ने अपने सदाबहार अंदाज में रन बटोरे. इन दोनों ने 15 ओवर में स्कोर 100 रन के पार पहुंचा दिया था. लेकिन रोहित के अगले ओवर में आउट होने के बाद एकदम से पासा पलट गया. धनंजय का यह तीसरा ओवर था जिसमें उन्होंने रोहित को पगबाधा आउट किया. धवन की सलाह पर रोहित ने डीआरएस भी लिया लेकिन इससे भी काम नहीं चला. श्रीवर्धना ने अगले ओवर में धवन को भी पवेलियन भेज दिया जिनका फाइन लेग पर एंजेला मैथ्यूज ने जबर्दस्त कैच लिया.

कोहली ने नंबर तीन पर खुद उतरने के बजाय केएल राहुल को भेजा, लेकिन उनका यह दांव नहीं चल पाया. दोनों सलामी बल्लेबाजों के अलावा भारत ने 15 गेंद और दस रन के अंदर केदार जाधव, कोहली और राहुल के भी विकेट गंवाये. धनंजय ने इन तीनों को अपने एक ओवर में पांच गेंद के अंदर बोल्ड किया. जाधव चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के उतरे थे, धनंजय ने उन्हें अपनी गुगली पर बोल्ड किया. कोहली ने आते ही स्क्वायर लेग पर चौका लगाया, लेकिन अगली गेंद फिर से गुगली थी जिस पर भारतीय कप्तान गच्चा खा गया और बोल्ड हो गये. धोनी ने अगली गेंद पर एक रन लिया. अब राहुल सामने थे और वह भी धनंजय की गुगली समझने में असफल रहे.

धनंजय की गुगली कहर बरपा रही थी और ऐसे में हार्दिक पंड्या ने आगे बढ़कर लंबा शॉट खेलने की गलती की. वह चूक गये और स्टंप आउट होकर पवेलियन लौटे. कोहली ने निचले क्रम में अक्षर पटेल की बल्लेबाजी पर काफी भरोसा था लेकिन वह अपने कप्तान की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरे. धनंजय ने उन्हें आफ ब्रेक पर पगबाधा आउट किया. धोनी और भुवनेश्वर ने यहां से विकेट गिरने का क्रम रोका. धोनी ने रक्षात्मक रणनीति अपनायी. इस बीच भाग्य ने भी उनका साथ दिया. जब वह 29 रन पर थे तब विश्व फर्नाडो की गेंद उनके शरीर से लगकर विकेट पर भी लगी लेकिन गिल्ली नहीं गिरी.

भुवनेश्वर की तारीफ करनी होगी क्योंकि इस बीच अधिकतर समय स्ट्राइक उन्हीं के पास में रही. इसके बाद उन्होंने श्रीवर्धना पर छक्का जमाया और जब धनंजय अपने दूसरे स्पैल के लिये आये तो उन पर दो चौके जमाकर श्रीलंकाई खेमे की खुशी काफूर की.

श्रीलंका की बल्लेबाजी

श्रीलंका को बल्लेबाजों ने फिर से निराश किया. उसका शीर्ष और मध्यक्रम लड़खड़ा गया. मिलिंदा श्रीवर्धना (58) और चमारा कापुगेदारा (40) ने छठे विकेट के लिये 91 रन जोड़कर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया. बुमराह ने डेथ ओवरों में गेंद थामने के बाद श्रीवर्धना और कापुगेदारा को आउट करके श्रीलंका की चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचने की उम्मीदों पर पानी फेरा. दौरे के लगातार पांचवें मैच में टॉस ने विराट कोहली का साथ दिया और भारतीय कप्तान ने श्रीलंका को बल्लेबाजी का न्यौता देने में देर नहीं लगायी. मौसम साफ था और विकेट बल्लेबाजी के लिये अनुकूल दिख रहा था जिसमें खेल आगे बढ़ने के साथ गेंद अच्छी तरह से बल्ले पर आ रही थी.

निरोशन डिकवेला (31) ने शुरू से ही गेंदबाजों पर हावी होने के रणनीति अपनायी. अमूमन पहले बदलाव के रूप में आने वाले बुमराह ने आज भुवनेश्वर कुमार (दस ओवर में 53 रन कोई विकेट नहीं) के साथ नहीं गेंद संभाली. डिकवेला ने बुमराह पर दो छक्के भी लगाये, लेकिन वह फिर से अपनी अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने में नाकाम रहे. बुमराह ने अपनी धीमी ऑफ कटर पर उन्हें ललचाया और मिडविकेट पर शिखर धवन ने कैच करने में कोई गलती नहीं की. दूसरे सलामी बल्लेबाज धनुष्का गुणतिलका (19) चहल की उछाल लेती गेंद को वह नहीं समझ पाये जिसे पकड़ने के लिये महेंद्र सिंह धोनी को भी मेहनत करनी पड़ी, लेकिन वह आखिर में स्टंप करने में सफल रहे. धोनी का यह वनडे में 99वां स्टपिंग था और इस तरह से उन्होंने श्रीलंका के कुमार संगकारा के रिकॉर्ड की बराबरी की.

श्रीलंका का मध्यक्रम फिर से नहीं चल पाया. कप्तान उपुल थरंगा (नौ), कुसाल मेंडिस (19) और पूर्व कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (20) के सस्ते में आउट होने से स्कोर पांच विकेट पर 121 रन हो गया. थरंगा ने चहल पर दो चौके जड़कर शुरूआत की थी लेकिन पंड्या के अगले ओवर में आफ स्टंप की गेंद को छेड़कर स्लिप में कोहली को कैच दे बैठे. चहल ने मेंडिस को पगबाधा आउट किया. बल्लेबाज ने डीआरएस लिया, लेकिन वह भी उनके पक्ष में नहीं गया. मैथ्यूज ने क्रीज पर पर्याप्त समय बिताने के बाद पटेल की गेंद को स्वीप करने का फैसला किया, लेकिन वह चूक गये और पगबाधा होकर पवेलियन लौटे.

श्रीवर्धना ने अपने रवैये और कुछ उम्दा शॉट से श्रीलंकाई प्रशंसकों में जान भरी. उन्होंने और कापुगेदारा ने लगभग 17 ओवर तक विकेट नहीं गिरने दिया और इस बीच स्कोर बोर्ड भी चलायमान रखा. इन दोनों ने पारी के 43वें ओवर में स्कोर 200 रन के पार पहुंचाया और इस बीच श्रीवर्धना ने वनडे में अपना तीसरा अर्धशतक पूरा किया. बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने बुमराह की धीमी गेंद पर कवर पर कैच दिया. उन्होंने 58 गेंद की अपनी पारी में दो चौके और एक छक्का लगाया. श्रीलंका के पुछल्ले बल्लेबाज फिर से नाकाम रहे. बुमराह ने कापुगेदारा को यॉर्कर पर बोल्ड करने के बाद अकिला धनंजय (नौ) को भी पवेलियन भेजा.

श्रीलंका बल्लेबाजी :

निरोशन डिकवेला का धवन बो बुमराह 31 
धनुष्का गुणतिलक का धोनी बो चहल 19 
कुसाल मेंडिस पगबाधा पगबाधा बो चहल 19 
उपुल थरंगा का कोहली बो पंड्या 09 
एंजेलो मैथ्यूज पगबाधा बो पटेल 20 
मलिंडा श्रीवर्धना का शर्मा बो बुमराह 58 
चमारा कापुगेदारा बो बुमराह 40 
अकिला धनंजय का पटेल बो बुमराह 09 
दुशमंथा चमीरा नाबाद 06 
विश्व फर्नांडो नाबाद 03 

अतिरिक्त : 22 (बाई 01, लेग बाई 10, वाइड 11) कुल योग : 50 ओवर में आठ विकेट पर : 236 रन 
विकेट पतन : 1-41, 2-70, 3-81, 4-99, 5-121, 6-212, 7-221, 8-230 
गेंदबाजी : भुवनेश्वर 10-0-53-0, बुमराह 10-2-43-4, चहल 10-1-43-2, पंड्या 5.2-0-24-1, पटेल 10-0-30-1, जाधव 4.4-0-32-0

भारत बल्लेबाजी: 

रोहित शर्मा पगबाधा बो धनंजय 54 
शिखर धवन का मैथ्यूज बो श्रीवर्धना 49 
केएल राहुल बो धनंजय 04 
केदार जाधव बो धनंजय 01 
विराट कोहली बो धनंजय 04 
महेंद्र सिंह धोनी नाबाद 45 
हार्दिक पंड्या स्टं डिकवेला बो धनंजय 00 
अक्षर पटेल पगबाधा बो धनंजय 06 
भुवनेश्वर कुमार नाबाद 15 

अतिरिक्त: (लेग बाई 01, वाइड 14) 15 कुल (44.2 ओवर में, सात विकेट पर) 231 रन
विकेट पतन: 1-109, 2-113, 3-114 , 4-118, 5-119, 6-121, 7-131 
गेंदबाजी: मलिंगा 8-0-49-0, फर्नांडो 6.2-0-32-0, मैथ्यूज 3-0-11-0, चमीरा 7-0-45-0, धनंजय 10-0-54-6, श्रीवर्धना 10-0-39-1

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