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नयनतारा ने लौटाया साहित्य अकादमी पुरस्कार

दस्तक टाइम्स / एजेंसी
nayantaraनई दिल्ली: प्रसिद्ध लेखिका नयनतारा सहगल ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर देश की सांस्कृतिक विविधता कायम न रख पाने का आरोप लगाते हुए उन्हें दिया गया साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है।देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 88-वर्षीय भांजी नयनतारा सहगल को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार वर्ष 1986 में उनके अंग्रेज़ी उपन्यास ‘रिच लाइक अस’ के लिए दिया गया था। सहगल अपने राजनीतिक विचारों को बेबाक तरीके से व्यक्त करने के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने वर्ष 1975-77 के दौरान इंदिरा गांधी द्वारा इमरजेंसी लगाए जाने के खिलाफ भी कड़ा रुख अपनाया था।नयनतारा सहगल ने ‘अनमेकिंग ऑफ इंडिया’ शीर्षक से एक बयान जारी कर अपने निर्णय के बारे में बताया और इसमें दादरी में गोमांस की अफवाह के बाद की गई मुस्लिम शख्स की हत्या के अलावा लेखक एमएम कलबुर्गी, समाजसेवी नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पनसारे की हत्याओं का जिक्र किया।एनडीटीवी से बात करते हुए सहगल ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, पीएम मोदी बिल्कुल चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने इन घटनाओं की निंदा करने के लिए एक शब्द भी नहीं बोला। पूरा देश चाह रहा है कि पीएम बयान दें, क्योंकि हालात लगातार गंभीर होते जा रहे हैं।न्होंने कहा, मोदी के राज में हम पीछे की तरफ जा रहे हैं, हिंदुत्व के दायरे में सिमट रहे हैं…लोगों में असहिष्णुता बढ़ रही है और बहुत से भारतीय खौफ में जी रहे हैं। अपने बयान में उन्होंने साहित्य अकादमी पर भी चुप्पी साधे रखने का आरोप लगाया।

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