नाड़ी ज्योतिष: भविष्य की चाल ही नहीं, यह बता सकती है आपके पूर्वजन्मों का हाल
एजेन्सी/ ज्योतिष के अनेक रूप हैं। उनमें नाड़ी ज्योतिष की विद्या अत्यंत प्राचीन है। माना जाता है कि इससे व्यक्ति के वर्तमान, भविष्य के साथ ही भूतकाल की भी गणना की जा सकती है। प्राचीन काल में ऋषियों ने यह ज्ञान मानव जाति के लिए प्रकट किया। वे भविष्यद्रष्टा थे और तपोबल से भविष्य को देखने की क्षमता रखते थे।
समय-समय पर इन ऋषियों-दार्शनिकों ने राजनीति, धर्म, ऋतु, युद्ध आदि को लेकर अनेक भविष्यवाणियां की तथा वे सत्य सिद्ध हुईं। इसी प्रकार नाड़ी ज्योतिष भी ज्योतिष की एक शाखा है। इसके जानकार अंगूठे के निशान से किसी व्यक्ति के भविष्य का सटीक अनुमान लगा सकते हैं।
कैसे करते हैं अध्ययन
नाड़ी ज्योतिषी आरएम मुत्थू स्वामी ने बताया कि इसके लिए जातक के अंगूठे पर बनी रेखाओं का अध्ययन किया जाता है। महिला के बाएं हाथ तथा पुरुष के दाएं हाथ के अंगूठे का निशान लिया जाता है। मान्यता है कि जिस प्रकार हाथ की रेखाएं व्यक्ति के स्वभाव, चरित्र, भविष्य को अभिव्यक्त करती हैं, उसी प्रकार अंगूठे की रेखाओं में भी जीवन का सार छुपा होता है।
विशेष मानक के रूप में अंगूठे पर 108 रेखाएं मानी जाती हैं। इनका प्राचीन ताड़पत्रों के आधार पर आकलन किया जाता है। ये इन रेखाओं के लिए ही संकलित किए जाते हैं। अंगूठे पर कुछ विशेष प्रकार के चिह्न भी होते हैं। उनका भी भविष्य कथन में विशेष महत्व है।
नाड़ी ज्योतिष पर विश्वास करने वालों में सिर्फ भारतीय ही नहीं, बल्कि विदेशी भी हैं। इनमें सिनेमा, राजनीति, खेल जैसे क्षेत्रों की हस्तियां शामिल हैं। चूंकि ये ताड़पत्र अत्यंत पुराने हैं, इसलिए कहा जाता है कि कई ताड़पत्र समय के साथ लुप्त हो गए।
भविष्य बताने से पहले ज्योतिषी ताड़पत्रों में से एक ताड़पत्र निकालता है। इसके बाद जातक से उसके जीवन के संबंध में कुछ प्रश्न पूछे जाते हैं। उनके उत्तर उसे हां अथवा नहीं में देने होते हैं।
जातक से प्राप्त उत्तरों के आधार पर ज्योतिषी ताड़पत्र ढूंढता है। यह क्रम तब तक जारी रहता है जब तक कि यथायोग्य उत्तर न मिल जाए। भविष्य कथन के लिए अंगूठे के निशान द्वारा ताड़पत्र का अध्ययन कर उसके व्यक्तित्व, भाग्य, परिवार, स्वास्थ्य, कार्य, कमाई आदि के बारे में बताया जाता है।
विद्वानों का मानना है कि नाड़ी ज्योतिष में बच्चे के जन्म, कर्म, पिता की समृद्धि, नौकरी, विदेश यात्रा, अगले जन्म के स्थान और मोक्ष के बारे में भी बताया जा सकता है।