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निक रीड ने कहा, भारत में टेलिकॉम सेवाएं दुनिया में सबसे सस्ती

वोडाफोन के सीईओ ने कहा, पिछले 2 साल में कई ऐसे नियम बने हैं जो जियो को छोड़कर बाजार में बाकी सबके खिलाफ हैं।

  • निक रीड ने कहा, भारत में टेलिकॉम सेवाएं दुनिया में सबसे सस्ती
  • वोडाफोन के सीईओ ने यह भी कहा कि जल्द ही कीमतें बढ़ेंगी
  • वोडाफोन आइडिया ने ग्राहकों के लिए 35 रुपये का न्यूनतम टैरिफ रखा

बार्सिलोना : ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निक रीड ने आरोप लगाया है कि भारत में पिछले दो साल में दूरसंचार नियमन से जुड़े जो भी नियम बने हैं वह रिलायंस जियो को छोड़कर बाकी सभी कंपनियों के खिलाफ हैं। वोडाफोन, भारत में आदित्य बिड़ला समूह (आइडिया) के साथ मिलकर वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के रूप में परिचालन कर रही है। रीड ने कहा कि भारत में उनका कारोबार बेहद बुरे दौर से गुजरा है।

लेकिन अब कंपनी की स्थिति ठीक है और वह नेटवर्क पर निवेश करने की योजना लेकर चल रही है। साथ ही कंपनी अपनी परिसंपत्तियों को बेच भी सकती है। भारत में दूरसंचार नियमन और नीति पर एक सवाल के जवाब में रीड ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मेरा मानना है कि नियमों के संदर्भ में हमने समान स्तर की बात की है। पिछले 2 साल में कई ऐसे नियम बने हैं जो जियो को छोड़कर बाजार में बाकी सबके खिलाफ हैं। हमने यह बात स्पष्ट तौर पर रखी है।’

उन्होंने कहा कि भारत में अभी मोबाइल सेवाओं की दरें सबसे निचले स्तर पर हैं और यह ज्यादा दिन चलने वाली स्थिति नहीं है। रीड ने कहा, ‘बाजार की तीनों प्रमुख कंपनियां नकदी की कमी से जुझ रही हैं। अभी दुनियाभर में भारत में कीमतें सबसे कम हैं। यहां ग्राहक औसतन 12 जीबी इंटरनेट का उपयोग उस कीमत पर कर रहे हैं जो कहीं भी दिखाई नहीं देती है। अंत में कीमतें चढ़ेंगी, हालांकि यह बहुत ज्यादा नहीं बढ़ेंगी लेकिन इनमें थोड़ा सुधार होगा।’

वोडाफोन आइडिया ने 35 रुपये का न्यूनतम टैरिफ रखा है। इससे कंपनी की प्रति उपयोक्ता औसत आय तिमाही आधार पर डेढ़ प्रतिशत बढ़कर 89 रुपये हो गई है। दिसंबर 2018 के अंत तक वोडाफोन आइडिया पर कुल ऋण 1,23,660 करोड़ रुपये था। रीड ने कहा, ‘मौजूदा समय में बाजार में भारी छूट का दौर है। हम बेहतरीन 4जी सेवा उपलब्ध करा रहे हैं। 5जी सेवा को पेश करने के लिए यह बहुत जल्दबाजी होगी।’

दुनियाभर में 5जी सेवाओं को लेकर हुआवेई से जुड़ी सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर रीड ने कहा, ‘यह दूरसंचार उद्योग के लिए अच्छा नहीं है।’ रीड ने कहा कि हुआवेई समेत दुनियाभर में दूरसंचार नेटवर्क उपकरण उपलब्ध कराने वाली तीन ही प्रमुख कंपनी हैं और यदि हम चीन की हुआवेई को प्रतिबंधित करने पर विचार कर रहे हैं तो यह दूरसंचार उद्योग के लिए अच्छा नहीं होगा। अभी दुनियाभर में दूरसंचार नेटवर्क उपकरण कराने वाली कंपनियों में हुआवेई के अलावा नोकिया और एरिक्सन ही हैं।

रीड ने कहा, ‘यह वोडाफोन का मसला नहीं है, यह पूरे दूरसंचार उद्योग का मसला है। दूरसंचार नेटवर्क उपकरण उपलब्ध कराने के मामले में हुआवेई एक अहम किरदार अदा करती है। यदि इसे हमारे नजरिए से देखें तो हमारे नेटवर्क में लचीलापन और सुरक्षा है। यदि हम इसे (उपकरण उपलब्ध कराने वाली कंपनियों को) दो कंपनियों तक सीमित करते हैं तो यह बेहतर नहीं होगा।’ भारत में वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने हुआवेई के साथ 5जी परीक्षण करने के लिए साझेदारीक की है।

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