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पर्यावरण और कई बीमारियों में फायदेमंद है पीपल

लखनऊ : धर्म, शास्त्रों में इस बात का उल्लेख है कि पीपल का पेड़ बड़ी ही गुड़कारी होता है और इसके पत्ते पत्ते पर देवता निवास करते हैं। विज्ञान की दृष्टि से पत्ते-पत्ते में ऑक्सीजन सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाला पेड़। पेट दर्द से लेकर अस्थमा तक कई जानलेवा बीमारियों में पीपल फायदेमंद है। पीपल व वट पेड़ की छाल बराबर मात्रा में मिलाकर मिश्रण पीने से दांत में दर्द खत्म हो जाता है। देश में पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है।

पीपल का पेड़ जितना धार्मिक मान्यताओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है उतना ही औषधीय गुणों से भरपूर है- पीपल के पौधे की 2-5 पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसे 50 ग्राम गुड़ में मिलाकर मिश्रण बना लें तथा इस मिश्रण की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर दिन में 3-4 बार सेवन से पेट दर्द में राहत मिलेगी। पीपल की छाल व पके हुए फलों का अलग-अलग पाउडर बनाकर उसे समान मात्रा में मिला लें, इस मिश्रण को दिन में 3-4 बार सेवन से अस्थमा रोग से मुक्ति मिलती है। जहरीले सांप के काटे जाने पर पीपल की कोमल पत्तियों के रस की दो-दो बूंदे लें और उसकी पत्तियों को चबाएं, उससे सांप के विष का असर कम हो जाता है। पीपल की कोमल पत्तियों को चबाने से त्वचा की खारिश व अन्य रोगों का उपचार होता है। पीपल की पत्तियों की 40 मिलीलीटर चाय का सेवन भी अत्यंत प्रभावकारी साबित होता है। फटी एड़ियों पर पीपल की पत्तियों का रस या उसका दूध लगाएं इससे इस समस्या में पूरा उपचार मिलेगा। 1-2 ग्राम पीपल बीज पाउडर को शहद में मिलाकर प्रतिदिन दो बार उपयोग से रक्त शुद्ध होता है।

पीपल के 5-10 फल प्रतिदिन सेवन में कब्ज रोग का स्थाई समाधान होता है। 3-4 ताजा पीपल की पत्तियों को क्रिस्टल चीनी में मिलाकर इसका पाउडर बना लें. इस पाउडर को 250 ग्राम पानी में मिलाकर मिश्रण को छान लें. इसे रोगी को 5 दिन तक दिन में दो बार दें, यह मिश्रण पीलिया रोग में अत्यंत प्रभावकारी साबित होता है। पीपल व वट पेड़ की छाल बराबर मात्रा में लेकर इस मिश्रण बना लें. इस मिश्रण को गर्म पानी में उबाल कर इससे कुल्ला करने से दांत दर्द समाप्त हो जाता है। पीपल की पत्तियों के दूध को आंखों पर लगाने से आंखों की पीड़ा कम होगी। 50 ग्राम पीपल की छाल की राख बनाकर, इसमें नींबू तथा घी मिलाकर इसका पेस्ट बना कर इस पेस्ट को प्रभावित अंगों पर लगाने से आपको तुरंत शीतलता प्राप्त होगी। पीपल की छाल की 40 मिलीलीटर चाय के प्रतिदिन सेवन से भी राहत मिलती है। इसके अलावा भी पीपल के पेड़ में कई गुण होते हैं, जिस पर शोध किया जा सकता है।

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