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पीएम मोदी बोले- भोले बाबा जैसा भोलापन है बनारस की पहचान

काशी के अपने 13वें दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र की जनता को 936.95 करोड़ रुपये की 33 योजनाओं का तोहफा दिया। पीएम ने 449.29 करोड़ रुपये की 21 योजनाओं का लोकार्पण और 487.66 करोड़ रुपये की 12 योजनाओं का शिलान्यास किया।

पीएम मोदी बोले- भोले बाबा जैसा भोलापन है बनारस की पहचानजनसभा में उपस्थित भीड़ का संबोधन की शुरुआत हर हर महादेव से की। भोजपुरी में अभिवादन किया और रथयात्रा की शुभकामनाएं दी।

– काशी के किसानन के ये भरल-पूरल माटी के हमार प्रणाम बा। आप सब अन्नदाता लोगन के भी हमार प्रणाम बा। आज भगवान जगन्नाथ की पूजा का दिन ह। रथयात्रा, मेला का आप सबन के बहुत-बहुत बधाइयां।

– सबसे पहले देश का गौरव बढ़ाने वाली एक बेटी का गौरवगान करना चाहता हूं। आप सबने देखा होगा कि असम के नौगांव जिले के एक गांव की बेटी हिमा दास ने कमाल कर दिया।

– आपने देखा होगा कि हिमा दास अपने हाथ उठाकर तिरंगे की प्रतीक्षा में दौड़ रही थी। उसने तिरंगा लहराया, साथ ही असमिया गमछा भी गले में डाल लिया।

– जब जन-गण-मन शुरू हुआ तो 18 साल की हिमा की आंखों से गंगा-यमुना बह रही थी। वह मां भारती को समर्पित थी। यह दृश्य सवा सौ करोड़ भारतीयों को नई ऊर्जा और प्रेरणा देता है।

– मैं हिमा दास को अनेक-अनेक बधाइयां देता हूं और शुभकामनाएं देता हू्ं। आप सबसे भी मैं आग्रह करता हूं कि असम की हिमा का गौरवगान कीजिए।

– आज जब हम उत्सव की तैयारी में जुटे हैं तो सबसे पहले उन परिवारों की पीड़ा भी साझा करना चाहता हूं जिन्होंने बीते दिनों पुल हादसे में अपनों को खोया है।

– प्रभावित परिवारों के प्रति मेरी पूरी संवेदना है। दूसरों की पीड़ा को साझा करना, सहयोग की भावना ही तो काशी की विशेषता है। भोले बाबा जैसा भोलापन। हर किसी को समाहित करने वाला मां गंगा जैसा स्वभाव ही काशी की पहचान है।

-पीएम मोदी ने शहर की तारीफ करते हुए कहा कि भोले बाबा जैसा भोलापन बनारस की पहचान है।

– सदियों से बनारस यूं ही बसा हुआ है। परंपराओं में रचा-बसा हुआ है। इसकी पौराणिक पहचान को नई ऊंचाई देने और काशी को 21वीं सदी की जरूरतों के हिसाब से विकसित करने का प्रयास पिछले चार साल से जारी है।

– न्यू इंडिया के लिए एक नए बनारस का निर्माण हो रहा है, जिसकी आत्मा तो पुरातन ही होगी लेकिन काया नवीनतम। जिसमें आध्यात्म भी होगा और आधुनिकता भी। जहां के कण-कण में संस्कृति और संस्कार होंगे लेकिन व्यवस्थाएं स्मार्ट होगी।

– जब से यूपी में भाजपा की सरकार आई है तब से काशी के विकास की गति तेज हो गई।

– सभास्थल के पास ही पेरिशेबल कार्गो केंद्र है जो अब बनकर तैयार है, इसका शिलान्यास भी मेरे द्वारा किया गया था और लोकार्पण का सौभाग्य भी मुझे मिला है। यह कार्गो सेंटर यहां के किसानों के लिए बड़ा वरदान साबित होने वाला है।

– बदलती काशी की तस्वीर अब हर तरफ दिखने लगी है। मीडिया, सोशल मीडिया पर काशी की सड़कों, घाटों और चौराहों की तस्वीरें जो भी देखता है, उसका मन प्रफुल्लित हो जाता है। सिर पर लटकते बिजली के तार अब गायब हो गए हैं।

– देश और दुनिया से भोले के जो भक्त काशी आते हैं उनको असुविधा न हो इसकी व्यवस्था की जा रही है। आस्था और सांस्कृतिक महत्व के जितने भी स्थान काशी में हैं, उनको जोड़ने वाली दो दर्जन सड़कों को या तो सुधारा गया है या फिर नए सिरे से निर्माण किया गया है।

– चार वर्ष के दौरान काशी में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है और यह सिलसिला जारी रहेगा। 2014 के बाद हमारे सामने कई चुनौतियां थीं। पहले की प्रदेश सरकार से काशी के विकास में सहयोग तो मिलता नहीं था, उल्टे बाधाएं उत्पन्न की जाती थीं।

– 2017 में जब से आपने उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार को चुना है, तब से पूरे प्रदेश के साथ ही काशी के विकास की गति तेज हो गई है। इसी क्रम में मैंने अभी काशी में करीब 1000 करोड़ की 30 से अधिक परियोजनाओं का शिलान्यास किया है।

– हमें चार वर्ष पहले का वो समय भी नहीं भूलना चाहिए, जब वाराणसी की व्यवस्थाएं संकट में थीं। हर तरफ कचरा-गंदगी, खराब सड़कें, ओवरफ्लो होता सीवर, खंभों से लटकते तार, जाम से पूरा शहर परेशान रहता था।

– ये जो भी काम आज हो रहा है वो बनारस को स्मार्ट सिटी में बदलने वाला है। यहां इंटिग्रेटेड और कंट्रोल सेंटर पर तेज़ी से काम चल रहा है। पूरे शहर के प्रशासन का, पब्लिक सुविधाओं का नियंत्रण यहीं से होने वाला है।

– मेक इन इंडिया के साथ-साथ डिजिटल इंडिया भी रोज़गार का प्रभावी माध्यम सिद्ध हो रहा है। इसी कड़ी में आज बनारस में टीसीएस के बीपीओं की शुरुआत हुई है। ये केंद्र बनारस के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर लेकर आएगा।

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