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पोप ने मेक्सिको-अमेरिकी सीमा पर प्रवासी ‘त्रासदी’ पर चिंता जताई

103740-454959-pope-700दस्तक टाइम्स एजेंसी/स्यूदाद जुआरेज (मेक्सिको): पोप फ्रांसिस ने हिंसा से बचकर भाग रहे प्रवासियों की उस ‘मानवीय त्रासदी’ को लेकर चिंता जताई है जिसके कारण कई लोग रेगिस्तान पार करते समय मारे गए हैं। उन्होंने अमेरिका के साथ लगती मेक्सिको की सीमा पर बड़े स्तर पर आयोजित एक सामूहिक प्रार्थना के दौरान इस बारे में अपनी चिंता जताई । पोप फ्रांसिस प्रतीकात्मक संकेत देते हुए रियो ग्रांदे के सामने एक रैम्प पर चढ़े। यह रैम्प मेक्सिको के स्यूदाद जुआरेज और टेक्सास के अल पासो को अलग करता है।

 उन्होंने काले क्रॉस के नीचे पुष्प अर्पित किए और अमेरिका की ओर सैकड़ों प्रवासियों को आशीर्वाद दिया जिन्होंने हाथ हिलाकर उनका अभिनंदन किया। फ्रांसिस ने सीमा के जुआरेज पक्ष की ओर तीन लाख से अधिक कैथोलिक ईसाइयों के साथ सामूहिक प्रार्थना की। अल पासो स्टेडियम में हजारों लोगों ने एक बड़े स्क्रीन पर इसे देखा। आव्रजन अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में एक बड़ा मुद्दा है और चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने के प्रबल दावेदार डोनॉल्ड ट्रंप ने ऐसी सामूहिक प्रार्थना आयोजित करने के पोप के निर्णय की आलोचना की है।

लेकिन पोप ने राजनीति के बारे में प्रत्यक्ष रूप से बात नहीं की, बल्कि उन्होंने प्रवासियों की परेशानियों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा, ‘हम उस मानवीय संकट को नकार नहीं सकते जिसके कारण हाल के वषरें में हजारों लोग अपने घर छोड़कर ट्रेनों से, राजमार्ग से या पैदल चलकर पर्वतों, रेगिस्तानों और दुर्गम स्थानों से होकर सैकड़ों किलोमीटर दूर जाने को मजबूर हुए हैं।’ पोप ने मेक्सिको की पांच दिवसीय यात्रा के बाद रोम जाने से पहले कहा, ‘अब और लोगों की मौत नहीं। और शोषण नहीं। अब भी बदलाव लाने का समय है, अब भी एक तरीका और एक मौका है, अब भी ईश्वर से दया की प्रार्थना करने का समय है।’ 

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