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”बनारस की शान, यूपी कॉलेज की जान” केदारनाथ सिंह नहीं रहे

स्मृति शेष : लाखों सलाम उनको, जो मरकर भी जी गये!

वाराणसी/लखनऊ : ‘‘महान साहित्यकार एवं कवि केदारनाथ सिंह के निधन से साहित्य और शिक्षा जगत मरमाहत एवं दुखी है। उदय प्रताप कालेज एवं देश की यह अपूरणीय क्षति है। साहित्य के इस पुरौधा को शत शत नमन है।’’ उपरोक्त बातें उदय प्रताप पब्लिक स्कूल में आयोजित शोक सभा के अंतर्गत अध्यक्षता करते हुए प्राचार्या संगीता कुमार ने कही।

‘‘आज मैं जो कुछ हूँ, उदय प्रताप कालेज की देन है’’ – स्व. केदारनाथ सिंह

स्व. केदारनाथ सिंह की स्मृतियों के पन्नों को पलटते हुए सुश्री ज्ञान प्रभा ने कहा – ‘‘ डा. केदारनाथ सिंह अक्सर अपने उद्बोधन में कहा करते थे कि ”मैं आज जो कुछ हूँ, उदय प्रताप कालेज की देन हूँ।” अगर यह विद्यालय ना होता तो मैं कुछ भी होता पर ”साहित्कार केदारनाथ सिंह” नहीं होता। केदारनाथ सिंह ने 1945 से 1952 तक यूपी कालेज में हाईस्कूल से इंटरमीडिएट तक की शिक्षा ग्रहण की थी ।

कविता की शुरूआत आपने यूपी कालेज से ही की थी। ”लाखों सलाम उनकों, जो मरकर जी गये।’’ शोक सभा के उपरांत दो मिनट मौन रहकर मृत आत्मा को श्रंद्धाजलि दी गयी। इस अवसर पर अनन्या मित्रा, रेणुका भोज, पुष्पारानी सिंह, सुनीता दूबे, रजनीश सिंह, दिनेश प्रताप सिंह एवं आर.पी सिंह उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने केदारनाथ सिंह के निधन पर दुःख जताया

इधर, राजधानी लखनऊ में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रसिद्ध साहित्यकार केदारनाथ सिंह के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि केदारनाथ सिंह ने समकालीन कविता को नई गति और दिशा देते हुए अपनी कालजयी रचनाओं से हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया। उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। साहित्य जगत में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। योगी ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है।

(-डी.एन. वर्मा)

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