बिहार में घटा सुशील मोदी का कद, विरोधी को राज्यसभा भेजेगी पार्टी
पार्टी ने उन्हें चुनाव मैदान में इसलिए उतारा था, क्योंकि वो नेतृत्व के चेहरों में से एक थे। मोदी के करीबी एक नेता का कहना है कि सुशील मोदी ने राज्यसभा जाने की तो सहमति दी थी, पर वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में जगह चाहते थे। शायद केंद्रीय नेतृत्व को मोदी की यह शर्त मंजूर नहीं थी। जिस वजह से मोदी को टिकट नहीं दिया जा सका।
जानकारों का मानना है कि मोदी के बेहद करीबी मंगल पांडेय को लेकर अब संशय है। पहले ये माना जा रहा था कि मंगल पांडेय को दूसरा कार्यकाल मिलना तय है। मंगल पांडेय को लेकर एक राय ये भी रही है कि वो अपना काम बेहतर तरीके से करते हैं।
ऐसे में पार्टी का समर्थन उनके साथ रहेगा। अब मोदी विरोधी खेमा उनकी दोबारा ताजपोशी में बाधक बन सकती है। ऐसे में अश्विनी चौबे जैसे ब्राह्मण नेताओं को पार्टी की बागडोर सौंपने का दबाव बन सकता है। सूत्र की मानें तो उत्तर बिहार के ब्राह्मणों की नाराजगी दूर करने के लिए जगन्नाथ मिश्र के पुत्र नीतीश मिश्र को भी पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।