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बिहार, यूपी समेत कई राज्यों मे बाढ़ से बिगड़े हालात, मप्र में बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग

नई दिल्ली: बिहार, यूपी समेत देश के कई राज्यों में बाढ़ ने संकट पैदा कर दिया है। बिहार में बाढ़ का कहर जारी है। सबसे ज्यादा तबाही गंगा नदी ने मचाई है। बिहार के 15 जिले अब भी बाढ़ की चपेट में हैं। यूपी के भी कई जिलों में बाढ़ की स्थिति है। मध्य प्रदेश में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की जा रही है।

बिहार में जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से गंगा नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। यहां गंगा और सहायक नदियों के जलस्तर में हुई अप्रत्याशित वृद्धि की वजह से बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। भागलपुर जिले के कहलगांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। शहर के कागजी टोला, राजघाट रोड स्थित सिकड़गढ़ टोला, सतीघाट मुहल्ला, कुलकुलिया, सिंचाई कॉलोनी आदि मुहल्ले बाढ़ प्रभावित हैं। उत्तर प्रदेश के 24 जिले इस समय बाढ़ की चपेट में हैं।

गंगा, यमुना समेत कई नदियां उफान पर हैं, जिसकी मार शहरों पर पड़ रही है। संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों ही नदियों के पानी ने कहर बरपा रखा है। कई इलाके पूरी तरह से पानी में डूबे हैं। जिसकी वजह से हजारों लोग बाढ़ की चपेट में फंसे हैं। वाराणसी में भी गंगा नदी रौद्र रूप दिखा रही है। जलस्तर बढ़ने के बाद वाराणसी में गंगा अलग-अलग रास्तों से शहर में घुस रही है।

वाराणसी में गंगा नदी खतरे के ऊपर बह रही है। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले की महाड तहसील में जुलाई में मूसलाधार बारिश और उसके बाद आई बाढ़ से 94 मकान छतिग्रस्त हो गए हैं। यहां बाढ़ से हालात बदतर हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश में हाल में आई बाढ़ को पिछले 100 सालों में सबसे खराब बताते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है।

शाह को लिखे पत्र में सिंह ने कहा कि बारिश और बाढ़ ने मध्यप्रदेश के भिंड, श्योपुर, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी और अन्य जिलों में घरों और कृषि को तबाह कर दिया है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से इस बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का अनुरोध किया और केंद्र से तत्काल राहत एवं पुनर्वास के लिए पैकेज की घोषणा की मांग की।

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